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स्कूल की खस्ता हालत का हवाला देकर ऐंठे पैसे, फिर जुए में उड़ाए करोड़ों, खुला टीचर-प्रिंसिपल का राज

Published: Dec 12, 2018 11:59:38 am

Submitted by:

Shweta Singh

स्कूल की दो ननों पर ट्यूशन फीस और डोनेशन से तकरीबन साढ़े तीन करोड़ रुपए गबन करने का आरोप लगा है।

Principal teacher grabbed 3 crores from school donation spent in gambling

स्कूल की खस्ता हालत का हवाला देकर ऐंठे पैसे, फिर जुएं में उड़ाए करोडों, खुला दो टीचर-प्रिंसिपल का राज

वाशिंगटन। अमरीका के कैलिफोर्निया से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। अच्छी शिक्षा व्यवस्था के नाम पर लिए डोनेशन को एक कैथोलिक स्कूल की दो ननों ने अपनी अय्याशी में उड़ा दिया। ये मामला वहां के टॉरैंस शहर में स्थित सेंट जेम्स कैथलिक स्कूल का है। स्कूल की दो ननों पर ट्यूशन फीस और डोनेशन से तकरीबन साढ़े तीन करोड़ रुपए गबन करने का आरोप लगा है।

जुआ खेलने में उड़ाए पैसे

वहां के स्थानीय मीडिया से इस बारे में जानकारी देते हुए अधिकारियों और अभिभावकों ने बताया की ये दोनों ननों चुराए हुए पैसे घूमने-फिरने में उड़ाती थीं। इसके साथ ही दोनों कसीनो में जुआ खेलने में भी ये पैसे बर्बाद करते थे, जबकि वे अभिभावकों के सामने स्कूल की आर्थिक हालात खस्ता होने का झांसा देती थीं।

बैंक रिकॉर्ड्स से गबन की पुष्टि

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो उनके बैंक रिकॉर्ड्स से भी इस फ्रॉड की पुष्टि होती है। रिकॉर्ड्स के अनुसार पिछले 10 सालों से सिस्टर मैरी मार्गरेट रेपर और सिस्टर लाना लैंग गबन कर रही थीं। आपको बता दें कि रेपर साल की शुरुआत में ही स्कूल के प्रिंसिपल पद से रिटायर हुई थी। बताया जा रहा है कि रेपर के पास ही ट्यूशन के सभी चेक और फीस आदि संभालने की जिम्मेदारी थी। तो दूसरी नन यानी चैंग स्कूल में ही एक टीचर थी। आरोप में ये कहा जा रहा है कि इन्होंने ट्यूशन के कुछ चेक चुराकर एक सीक्रेट अकाउंट में जमा कराया और नकद राशि ली।

स्कूल के खातों की ऑडिट से खुला राज

दावा किया जा रहा है कि ये अकाउंट रेपर और चैंग के बीच का ही एक राज था। रेपर की रिटायरमेंट से पहले स्कूल के खातों की ऑडिट में इस घपले के बारे में खुलासा हुआ। पिछले हफ्ते वहां के छोटे के-8 स्कूल ने इस बारे में जानकारी दी कि दोनों नन साल की शुरुआत में रिटायर हो गई थीं और उन्होंने स्कूल के पैसों का गलत इस्तेमाल किया। मामले का खुलासा होने पर जब इसकी जांच हुई तो पता चला कि दोनों ने चोरी किए रुपयों में से कुछ हिस्सा स्कूल को वापस किया था, हालांकि बाकी पैसों को उन्होंने अपने निजी इस्तेमाल के खर्च कर दिया था।

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