भारतीय मूल के वैज्ञानिक की अहम भूमिका
द न्यूयार्क टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, माइक्रोसॉफ्ट के शोधकर्ता भारतीय मूल के आशीष कपूर इस परियोजना का नेतृत्व कर रहे हैं और उनके दल ने खुद से हवा में उड़नेवाले दो ग्लाइडर्स का सफल परीक्षण किया है।
द न्यूयार्क टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, माइक्रोसॉफ्ट के शोधकर्ता भारतीय मूल के आशीष कपूर इस परियोजना का नेतृत्व कर रहे हैं और उनके दल ने खुद से हवा में उड़नेवाले दो ग्लाइडर्स का सफल परीक्षण किया है।
हवा की चाल समझती है ये कार
इस रिपोर्ट में कहा गया, “कंप्यूटर एल्गोरिदम के प्रयोग से ऑनबोर्ड सेंसर से मिले आंकड़ों का स्वत: विश्लेषण करते हुए ये ग्लाइडर हवा की गति, तापमान व अवरोधों को भांपते हुए खुद अपनी गति और ऊंचाई बनाए रखते हुए उड़ते रहते हैं। वे गर्म हवा की ऊंचाई का अंदाजा लगाकर उसकी मदद से स्वत: देर तक उड़ते रहते हैं।”
महीनों उड़ने में है सक्षम
माइक्रोसॉफ्ट की योजना ऐसे स्वायत्त विमान विकसित करने की है जो बहुत कम ऊर्जा में घंटों, दिनों और महीनों तक खुद से उड़ान भरते रहें, ताकि इनका प्रयोग मौसम के पैटर्न को वैज्ञानिकों द्वारा ट्रैक करने, फसलों की निगरानी करने या वैसे स्थानों पर इंटरनेट पहुंचाने में किया जा सके, जहां यह अन्यथा अनुपलब्ध है।
माइक्रोसॉफ्ट की योजना ऐसे स्वायत्त विमान विकसित करने की है जो बहुत कम ऊर्जा में घंटों, दिनों और महीनों तक खुद से उड़ान भरते रहें, ताकि इनका प्रयोग मौसम के पैटर्न को वैज्ञानिकों द्वारा ट्रैक करने, फसलों की निगरानी करने या वैसे स्थानों पर इंटरनेट पहुंचाने में किया जा सके, जहां यह अन्यथा अनुपलब्ध है।
सेल्फ डाइविंग से आगे है ग्लाइर
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के एयरोनॉटिक्स और एस्ट्रोनॉटिक्स के प्रोफेसर माइकेल कोचेंडरफर का कहना है कि माइक्रोसॉफ्ट की परियोजना सेल्फ डाइविंग वाहनों से आगे की चीज है। उन्होंने कहा, “ऐसे ग्लाइडर से कई सारे महत्वपूर्ण कार्यो को अंजाम दिया जा सकेगा, जिसमें जान-माल का न्यूनतम जोखिम होगा।”
ड्राइवरलेस की रेस में दिग्गज कंपनियां
बता दें कि दुनियाभर की कार बनाने वाली कंपनी ड्राइवरलेस कारों पर काम कर रही हैं। गूगल, बाइदू, मर्सिजीज, फोर्ड, जनरल मोटर्स और उबर इस दिशा मेंम काफी आगे बढ़ चुकी हैं। वहीं दुनिया के कई देशों में इसकी टेस्टिंग भी शुरु हो गई है।