ट्रंप ने इस दौरान वैज्ञानिकों पर यह आरोप भी लगाया कि उनके पास ‘बड़ा राजनीतिक एजेंडा’ है। उन्होंने कहा कि वह जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए काम करेंगे, लेकिन वे किसी भी हालत में अमरीका को नुकसान की स्थिति में नहीं देखना चाहते हैं। बता दें, अमरीका ग्रीन हाउस गैसों का दूसरा सबसे बड़ा उत्सर्जक है।
खुलासा: ब्रिटेन के शाही परिवार ने प्रिंस हैरी की शादी में दिया था अजीब फरमान- ‘सेनेटरी पैड’ पहनकर आएं मेहमान जब उनसे यह पूछा गया कि क्या वे अभी भी जलवायु परिवर्तन को अफवाह मानते हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा- ‘मुझे लगता है कि कुछ हो रहा है। कुछ बदल रहा है और उसमें दोबारा बदलाव होगा। मुझे नहीं लगता कि यह अफवाह है, मुझे लगता है कि संभवत: कुछ अंतर है। लेकिन मुझे नहीं पता है कि यह मानवजनित है।’
उन्होंने इन शब्दों पर बल दिया कि-‘मैं यह नहीं कहूंगा कि यह अफवाह है, लेकिन मैं हजारों अरब डॉलर नहीं देना चाहता। न ही मैं लाखों-करोड़ों नौकरियां गंवा सकता हूं। मैं नुकसान की स्थिति में नहीं आना चाहता।’
एक पत्रकार के लिए अमेरिका ने सऊदी अरब को दे डाली धमकी, जानें क्या है पूरी कहानी गौर हो, ट्रंप ने जलवायु परिवर्तन को अफवाह बताते हुए जून, 2017 में अमरीका को पेरिस जलवायु समझौते से बाहर कर लिया था। उन्होंने तब कहा था कि 190 से ज्यादा देशों के बीच हुए पेरिस समझौते में भारत और चीन जैसे देशों को अनुचित तरीके से फायदा पहुंचाया गया है, जबकि इससे अमरीकी अर्थव्यवस्था और नौकरियों को खतरा पैदा हो गया।