बुधवार शाम पहुंचे थे इराक
आपको बता दें कि ट्रंप प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप के साथ बुधवार शाम इराक के अल असद सैन्यअड्डे पर पहुंचे। वहां उन्होंने सीरिया से अमरीकी सैनिकों को वापस बुलाने के अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि वह आईएस को हराने के लिए अमरीकी सैनिकों को वहां अधिक समय तक बने रहने के लिए और इजाजत नहीं दे सकते।
तुर्की राष्ट्रपति से आईएस पर चर्चा
आपको बता दें कि सीरिया में इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों से लड़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय गठबंधन सेना के तहत अमरीका के लगभग 2,000 सैनिक मौजूदा हैं। ट्रंप ने कहा, ‘अमरीकी जनरल ने दोबारा कहा था कि क्या हमें और समय मिल सकता है? मैंने कहा, नहीं। आपको और समय नहीं मिल सकता। आपने बहुत समय दिया। हमने पहले ही उन्हें (आईएस) खदेड़ दिया है।’ ट्रंप ने आगे कहा कि उन्होंने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तइप एर्दोगन से बात की और यह बातचीत बहुत उम्दा रही। ट्रंप ने जानकारी दी कि उनके और एर्दोगन के बीच आईएस को लेकर भी कड़ी बातें हुई।
बिना किसी इराकी नेता से मिले ही वापस
आपको बता दें कि ट्रंप ने अपने बयान में कहा, ‘अमरीका दुनिया की चौकसी या निगरानी करना जारी नहीं रख सकता। यह उचित नहीं है कि सारा बोझ अमरीका पर लाद दिया जाए।’ उन्होंने इराक के अपने दौरे के बारे में कहा कि वह अमरीकी सैनिकों के अद्भुत कार्य, उनकी सेवाओं और बलिदानों के लिए शुक्रिया अदा करने के लिए यहां आए हैं। यहां उनकी इराक के प्रधानमंत्री अदेल अब्देलमाहदी से मिलने की योजना थी लेकिन यह बैठक नहीं हो सकी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप का यह औचक दौरा सिर्फ दो घंटे का रहा और वह बिना किसी इराकी नेता से मिले ही रवाना हो गए।