कुल 12 महिलाओं के यौन शोषण का आरोप
आपको बता दें कि उन पर मीटू (#MeToo) कैंपेन के दौरान कई महिलाओं ने आरोप लगाए थे। न्यूयॉर्क की एक मैगजीन में छपे एक लेख के मुताबिक उनपर कुल 12 महिलाओं के यौन शोषण का आरोप था। मैगजीन ने एक लंबे-चौड़े लेख में इस मामले का ब्यौरा दिया था। इस आरोप के बाद जिस वक्त इस कंपनी ने मूनवेस को उनके पद (कंपनी के चेयरमैन, प्रेसिडेंट और सीईओ) से हटाने का ऐलान किया उसके कुछ देर बाद ही मूनवेस और कंपनी मीटू कैंपेन को करीब 145 करोड़ रूपए देने की योजना में थे।
उठाना पड़ेगा ये भारी नुकसान भी
मूनवेस को हटाने के बाद कंपनी ने उनकी जगह चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर जोसेफ इयानिएलो को इस पद को संभालने की जिम्मेदारी सौंपी है। इस पूरे मामले पर कंपनी का कहना है कि जो पैसे मीटू कैंपेन को दान देने की योजना थी वो मूनवेस के बकाए से ही काटे जाने की संभावना है। कंपनी ने सीईओ के खिलाफ एक लॉ फर्म से जांच कराने का भी आश्वासन दिया है। साथ ही कंपनी उनको दिए जाने वाले एफ एण्ड एफ अमाउंट में भी कटौती करेगी। इसके अलावा आने वाले समय में भी उनको कितना फायदे मिलेंगे इसका निर्णय मामले की जांच की रिपोर्ट पर किया जाएगा। गौरतलब है कि मूनवेस की कॉन्ट्रैक्ट के हिसाब से उन्हें नौकरी छोड़ने के बाद करीब 100 से 180 मिलियन डॉलर यानि 1305 करोड़ रु मिलने वाले थे, जो इस केस के चलते नहीं मिलेंगे। साथ ही जांच की प्रक्रिया पूरी होने तक उन्हें किसी तरह का बोनस भी नहीं दिया जाएगा।
1995 में ज्वाइन की थी कंपनी
उन पर ये आरोप लगाने वालों में एक प्रमुख नाम जेसिका पेलिंगटन है जिसने एक पुलित्जर पुरस्कार विजेता जर्नलिस्ट रोनेन फैरो को उऩके साथ हुए शोषण की जानकारी दी थी। इन्हीं आरोपों को फैरो ने एक मैगजीन के लेख में छापा था। आपको बता दें कि मूनवेस ने 1995 में ये कंपनी ज्वाइन की थी। उन्हें 1998 में सीईओ और 2003 में चेयरमैन बना दिया।