सीनेट ने प्रकट की चिंता
लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि उन्हें इस बात की बड़ी उम्मीद है कि पाकिस्तान भी इस समाधान का हिस्सा बनेगा। इतना ही नहीं, कांग्रेस की इस सत्यापन सुनवाई के दौरान सीनेट की सशस्त्र बल सेवा समिति के कई सदस्यों ने पाकिस्तान में आतंकवादियों की सुरक्षित पनाहगाहों के लगातार बने रहने पर चिंता प्रकट की। जनरल मिलर ने अमरीकी सीनेटर डान सुल्लीवान के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अगर हमें अफगानिस्तान में वहां सफल होना है तो यह बेहद जरूरी है कि आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाहों को वहां से और पड़ोसी देशों से उखाड़ फेंका जाए। इसके बाद उन्होंने वहां उपस्थित लोगों से ही पूछ लिया कि क्या पाकिस्तान में सुरक्षित पनाहगाहों के रहने पर हम प्रशिक्षण , सलाह या सहयोग से अपने राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित कर सकते हैं। मुझे लगता है नहीं। क्योंकि सुरक्षित पनाहगाह इसे अधिक कठिन बनाते हैं।
इस साल नववर्ष के संदेश में अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस्लामाबाद को नोटिस दिया था। उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवाद के खात्मे के नाम पर वाशिंगटन से अरबों डॉलर लेने के बावजूद आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगाया था। बाद में उन्होंने पाकिस्तान को दो अरब डॉलर से अधिक की सुरक्षा सहायता देना बंद कर दिया था।