कई देशों में प्रतिबंधित अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा अमेरिका,कनाडा और भारत समेत कई देशों में प्रतिबंधित है। माना जाता है कि हाल के महीनों में,भारत ने ट्रंप प्रशासन को वैश्विक कर्षण हासिल करने के लिए एक मंच के रूप में संयुक्त राज्य अमेरिका का उपयोग करके अलगाववादी सिखों के मुद्दे के साथ उठाया है। अपने रणनीति पत्र में, व्हाइट हाउस ने कहा कि विदेशों में क्रांतिकारी,राष्ट्रवादी और अलगाववादी आंदोलनों की एक विस्तृत श्रृंखला है जिसका उपयोग हिंसा और समाज को अस्थिर करने के इरादे से अक्सर अमरीकी जीवन को खतरे में डाल सकता है।
आतंकी सूची में डाला था अमरीका द्वारा पेश इस दस्तावेज में अन्य आतंकी संगठन में लश्कर-ए-तैयबा और एलइटी भी शामिल हैं। अमरीका ने 2002 में बब्बर खालसा को आतंकी समूह की सूची में डाला था। अमरीका का कहना है कि बब्बर खालसा ने जिस तरह से भारत में आतंक फैलाया है। उससे प्रतीत होता है कि यह समाज को तोड़ने वाला संगठन है। यूएस नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर जॉन बोल्टन द्वारा जारी किए गए रणनीतिक दस्तावेज ने न केवल आतंकवादियों को अमेरिका के लिए खतरा पैदा करने पर जोर दिया,बल्कि विदेशों में अलगाववादी आंदोलनों पर भी हिंसा के उपयोग और समाज को अस्थिर करने के इरादे पर एक कठोर नज़र डाली।