यहां जांच पश्चात डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पीएम के दौरान उसकी जेब से एक सुसाइड नोट मिला है। इसमें उसने आत्महत्या का जिम्मेदार स्वयं को बताया है। वहीं बताया जा रहा है कि 4 महीने पहले ही उसकी शादी हुई थी लेकिन पत्नी उसके पास नहीं आना चाह रही थी। इससे वह परेशान रहता था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
शहर के कन्या परिसर नमनाकला निवासी 36 वर्षीय अरुण सिंह पिता श्याम सिंह परमार एसईसीएल में माइनिंग सरदार के पद पर पदस्थ था। उसकी 4 माह पूर्व गांधीनगर निवासी त्रिलोकी सिंह की पुत्री दिव्या से दूसरी शादी हुई थी। शादी के बाद से पत्नी मायके में ही रह रही थी। इससे अरुण काफी परेशान रहता था।
अरुण के माता-पिता ने अपनी बहू दिव्या को कई बार लाने का प्रयास किया लेकिन वह ससुराल नहीं आना चाह रही था। इससे अरुण काफी परेशान रहता था। शुक्रवार की शाम अरुण ने अपने कमरे का दरवाजा बंद किया और पंखे में नायलोन की रस्सी के सहारे फांसी लगा ली।
कुछ देर बाद अरुण के पिता ने कमरे का दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया पर भीतर से कोई आवाज नहीं आई। कई बार आवाज लगाने के बाद भी बेटा कुछ नहीं बोला तो पिता को शक हुआ। फिर परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर उन्होंने दरवाजा तोड़ा तो वहां का नजारा देख उनके होश उड़ गए।
अरुण पंखे के सहारे फांसी पर झूल रहा था। इसके बाद उन्होंने तत्काल उसे फांसी से उतारा और मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां जांच पश्चात उसे मृत घोषित कर दिया गया। मामले में पुलिस मर्ग कायम कर जांच कर रही है।
मृतक की जेब से मिला सुसाइड नोट
मृतक अरुण सिंह का शनिवार की सुबह मेडिकल कॉलेज अस्पताल चौकी पुलिस पीएम की तैयारी कर रही थी। शव परीक्षण के दौरान पुलिस को मृतक की पैंट की जेब से एक सुसाइड नोट मिला। सुसाइड नोट में आत्महत्या का कारण स्वयं को बताया है। उसने लिखा है कि इसमें किसी का कोई दोष नहीं है।
मृतक अरुण सिंह का शनिवार की सुबह मेडिकल कॉलेज अस्पताल चौकी पुलिस पीएम की तैयारी कर रही थी। शव परीक्षण के दौरान पुलिस को मृतक की पैंट की जेब से एक सुसाइड नोट मिला। सुसाइड नोट में आत्महत्या का कारण स्वयं को बताया है। उसने लिखा है कि इसमें किसी का कोई दोष नहीं है।