scriptBreaking : तेंदूपत्ता तोड़ते जंगल में अचानक पड़ी ऐसी चीज पर नजर कि खड़े हो गए रोंगटे, बदहवास भागे घर | Villagers run away from forest when they saw corpse | Patrika News

Breaking : तेंदूपत्ता तोड़ते जंगल में अचानक पड़ी ऐसी चीज पर नजर कि खड़े हो गए रोंगटे, बदहवास भागे घर

locationअंबिकापुरPublished: May 24, 2018 06:29:46 pm

सुबह जंगल पहुंचे ही थे कि दिख गई वो चीज, भागते हुए गांव पहुंचे और मोबाइल पर अधिकारियों को दी सूचना

Elephant killed villager

Villagers dead body

अंबिकापुर. एक ग्रामीण बुधवार को अपनी बेटी के ससुराल गया था। वहां से वह गुरुवार की सुबह घर लौट रहा था। वह जंगल के बीच से पैदल गुजर ही रहा था कि उसका सामना हाथी से हो गया। यह देखकर वह भागने लगा लेकिन हाथी ने दौड़ाकर उसे सूंड से पकड़कर पटक दिया। इसके बाद पैरों तले रौंदकर उसकी जान ले ली।
सुबह जब तेंदूपत्ता तोडऩे ग्रामीण पहुंचे तो अचानक उनकी नजर लाश पर पड़ी तो वे भागते हुए गांव पहुंचे। यहां मोबाइल से उन्होंने वन विभाग को सूचना दी। सूचना मिलते ही अधिकारी मौके पर पहुंचे और आगे की औपचारिकता पूरी की। ग्रामीणों का कहना है कि हाथी के गांव से लगे जंगल में पहुंचने की सूचना वन विभाग द्वारा उन्हें नहीं दी गई थी।

सरगुजा जिले के धौरपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम बकीला निवासी देवलाल बरगाह पिता सोहन 65 वर्ष 23 मई को अपनी बेटी के ससुराल ग्राम मसगा में मेहमानी करने गया था। वहां से वह गुरुवार की सुबह करीब 7 बजे पैदल ही जंगल के रास्ते घर लौट रहा था। वह ग्राम सखौली के जंगल में पहुंचा ही था कि उसका सामना हाथी से हो गया।
वह उसे देखकर जान बचाने भागने लगा लेकिन हाथी ने उसे दौड़ाकर पकड़ लिया और सूूंड से जमीन पर पटक दिया। इसके बाद हाथी ने पैरों से कुचलकर उसे मार डाला। इधर जंगल में तेंदूपत्ता तोडऩे गए ग्रामीणों ने अचानक उसकी लाश देखी तो उनके होश उड़ गए। लाश देखकर उन्हें समझ में आ गया था कि हाथी ने उसे मार डाला है।
इसके बाद वे बदहवास भागते हुए गांव पहुंचे और वन विभाग को सूचना दी। सूचना मिलते ही एसडीओ एमडी लहरे, रेंजर जीबी राम, सहायक वन परिक्षेत्राधिकारी अजय वर्मा अन्य स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने पंचनामा पश्चात शव को पीएम के लिए अस्पताल भिजवाया। अधिकारियों ने मृतक के परिजनों को तात्कालिक सहायता राशि के रूप में 25 हजार रुपए प्रदान किए।

हाथी के आने के संबंध में नहीं दी गई थी जानकारी
ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग द्वारा गांव से लगे जंगल में हाथियों के पहुंचने की जानकारी उन्हें नहीं दी गई थी। वन विभाग की लापरवाही के कारण अन्य ग्रामीणों की जान भी खतरे में पड़ सकती थी।
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