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ये कोई धर्मशाला नहीं बल्कि स्कूल है, खौफ ऐसा कि घर छोड़ रात में यहां सोते हैं महिला-पुरुष व बच्चे

locationअंबिकापुरPublished: Aug 03, 2018 01:02:17 pm

हर रात गांव वालों को गुजरना पड़ता है इसी डर से, गांव का स्कूल ही इन दिनों बना हुआ है आसरा

Sleep in school

Villagers sleep in night

लखनपुर. लखनपुर वन परिक्षेत्र हाथियों के उत्पात से थर्राया हुआ है। गज आतंक से ग्रामीणों का जीना दूभर हो गया है। बुधवार की रात हाथियों ने ग्राम सकरिया में एक घर तोड़ दिया और 8 ग्रामीणों की फसल बर्बाद कर दी। वहीं हाथियों के भय से ग्राम लब्जी के लोग अपनी रात स्कूल में गुजार रहे हैं।

लखनपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम सकरिया व लब्जी में 6 हाथियों का दल 2 दिन से विचरण कर रहा है। इससे ग्रामीण काफी दहशत में हैं और रात स्कूल में बीता रहे हैं। वन अमले द्वारा लोगों के लिए स्कूल परिसर में ही भोजन व ठहरने की व्यवस्था की गई है। ग्रामीण अपने छोटे बच्चों व परिवार सहित स्कूल में ठहरे हुए हैं।
इसी बीच बुधवार की रात ग्राम सकरिया में घुस आए हाथियों ने फूलसाय पिता मंगल साय के मकान को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। साथ ही घर में रखे खाद्य सामग्रियों को भी चट कर दिया। वहीं बंधन राम पिता केंदा, नवीन एक्का पिता कपिल एक्का, नन्हू पिता सोला राम, रामेश्वर पिता पंड्रा, अमृत पिता चेतू राम, फूलसाय पिता मंगल, राम दास पिता रोवान व अजय गुप्ता पिता राकेश गुप्ता के धान की फसल को रौंद कर बर्बाद कर दिया। हाथी पूरी रात गांव में उत्पात मचाते रहे।
हाथियों ने कुल 7 से 8 हेक्टेयर फसल बर्बाद कर डाली है। डिप्टी रेंजर राय ने बताया कि क्षेत्र में ग्राम सकरिया और लब्जी के ग्रामीणों को सुरक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। रात में स्कूल में रहने व भोजन की व्यवस्था की गई है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। ग्रामीणों को अलर्ट भी किया जा रहा है।

परेशानी का सामना कर रहे ग्रामीण
लखनपुर वन परिक्षेत्र के वनांचल ग्रामों के लोगों का हाथियों के उत्पात से जन-जीवन काफी प्रभावित हुआ है। उनके जीवन-यापन में भी काफी परेशानियां सामने आ रही हैं। आए दिन हाथियों के उत्पात से कामकाज सहित परिवार के भरण पोषण में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

हाथियों को लेकर विभाग नहीं है गंभीर
अविभाजित सरगुजा जिले में लगातार हाथियों के हमले बढ़ते ही जा रहे हैं। पिछले दिनों इस समस्या को राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम सदन में मामला उठाया था। लेकिन इस संबंध में वन विभाग द्वारा कोई भी स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया था। महज मानव व हाथी द्वंद रोकने के नाम पर वन विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं में करोड़ो रुपए खर्च किए जा रहे हैं।
लेकिन हाथियों को बस्तियों के अंदर प्रवेश करने से रोकने के लिए कोई भी कारगार योजना नहीं बनाई जा सकी है। हाथियों को लेकर वन विभाग जिस तरह से काम कर रहा है, कहीं से नहीं लग रहा है कि वह इन्हें लेकर गम्भीर है।

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