गौरतलब है कि अंबिकापुर के ब्रम्हरोड स्थित मणप्पुरम गोल्ड लोन फाइनेंस कंपनी से 4 जनवरी 2017 को 5 हथियारबंद डकैतों ने 12 किलो 800 ग्राम सोना व लाखों रुपए पार कर दिया था। इस मामले में पुलिस को 1 साल तक तो डकैतों का सुराग लगाने में पसीने छूट गए थे। इसी बीच 5 महीने पूर्व पुलिस को सूचना मिली कि डकैती में शामिल बिहार के कोडरमा निवासी नित्यानंद उर्फ सुनील पांडेय पश्चिम बंगाल के जेल में बंद है।
तेज तर्रार पुलिसकर्मियों की टीम ने किया गिरफ्तार
आईजी हिमांशु गुप्ता के निर्देश पर एसपी सदानंद कुमार ने सरगना को पकडऩे का काम स्वयं द्वारा संचालित विशेष अनुसंधान दल को सौंपा। एसपी के बिहार-झारखंड से बेहतर संबंध के अलावा सीएसपी आरएन यादव के मार्गदर्शन में विशेष अनुसंधान दल को मुखबिर से सूचना मिली कि सरगना बिहार के रोहतास जिले के ग्राम नौहट्टा में है। सूचना मिलते ही ७ सदस्यीय विशेष टीम वहां के लिए रवाना हो गई।
सोना बेचकर खरीदा था पिकअप-बाइक और डीजे
पुलिस की पूछताछ में सरगना अजय चेरो ने बताया कि डकैती के बाद उसके हिस्से में 4 किलो 500 ग्राम सोना आया था। इसमें से उसने 3 किलो सोना पिघलाने के लिए किसी को दिया था जिसे लेकर फरार हो गया था। उसने बताया कि बाकी के सोने से मिली रकम से उसने पिकअप वाहन, यामाहा फेजर बाइक, डीजे साउंड सिस्टम खरीदा था।
3 जगह और की थी बड़ी डकैती, जेल से बनाई थी योजना
गिरफ्तार सरगना अजय चेरो इसके पूर्व भी कई बड़ी डकैती की वारदात को अंजाम दे चुका था। उसे अन्य राज्यों की पुलिस भी तलाश रही थी। पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि वर्ष 2013 में उसने पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर स्थित मुथुट फाइनेंस से 24 किलो सोना, वर्ष 2015 में बिहार के आरा स्थित मणप्पुरम गोल्ड लोन बैंक से 12 किलो सोने की डकैती की थी।
कार्रवाई में ये रहे शामिल
कार्रवाई में विशेष अनुसंधान दल के एसआई प्रियेश जॉन, प्रधान आरक्षक पन्नालाल, आरक्षक अरविंद उपाध्याय, विकास सिंह, क्राइम ब्रांच से आरक्षक अमृत सिंह, राहुल सिंह तथा कोतवाली अंबिकापुर से महिला आरक्षक सरला शामिल रहे।