बीज, खाद, मिट्टी और दवा के मिश्रण से जो बॉल (Seed ball method) तैयार हो रही है वह सरगुजा में चारों तरफ हरियाली लाने में अहम भूमिका निभाएगी। वन विभाग ने इस प्रोजेक्ट को नाम सीड बॉल योजना दिया है। महिला इस बॉल को बनाने में जुटी हुई हैं। लगातार इस दिशा में काम चल रहा है।
दरअसल सरगुजा जिले में इस वर्ष करीब 10 लाख पौधरोपण का लक्ष्य रखा गया है। इसमें बड़ी भूमिका स्पीड बॉल की रहने वाली है, वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सीड बॉल (Seed ball method) के जरिए उन इलाकों को चिन्हित किया गया है जहां पौधारोपण कर पाना आसान नहीं है। ऐसे में उन जगहों पर इन सीड बॉल को लुढ़का दिया जाएगा। इससे बारिश से अंकुरित होकर पौधा पेड़ का रूप ले लेगा।
सीड बॉल (Seed ball method) के साथ कलम भी लगाया जाएगा
सरगुजा को पुन: हरा-भरा करने के लिए वन विभाग युद्ध स्तर पर कार्ययोजना तैयार कर रहा है। सीड बॉल (Seed ball method) में ऐसे पौधों का उपयोग किया जाएगा जिसे मवेशी नहीं चर पाएंगे। इसके लिए नींम, करंज, बेर, बबूल के साथ अन्य पौधों का चयन किया गया है। इसके साथ ही ऐसे पौधे का चयन किया जा रहा है जो हार्ड होने के साथ ही उसकी चराई करने के बाद भी पुन: निकल जाता है।
सुरक्षा बड़ी चुनौती
वन विभाग के अनुसार पौधरोपण के बाद उसकी सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती है। लेकिन जिस तरह के पौधों का चयन किया जा रहा है, उससे उम्मीद जताई जा रही है कि कम समय व कम खर्च में सरगुजा के अंदर जल्द ही हरियाली वापस लौटेगी। कुछ लोगों ने बताया कि सीड बॉल (Seed ball method) लुढ़काने से नीचे की तरफ लुढ़क जाएगी, लेकिन इसके लिए भी कार्ययोजना बनाई गई है।
वन विभाग के अनुसार पौधरोपण के बाद उसकी सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती है। लेकिन जिस तरह के पौधों का चयन किया जा रहा है, उससे उम्मीद जताई जा रही है कि कम समय व कम खर्च में सरगुजा के अंदर जल्द ही हरियाली वापस लौटेगी। कुछ लोगों ने बताया कि सीड बॉल (Seed ball method) लुढ़काने से नीचे की तरफ लुढ़क जाएगी, लेकिन इसके लिए भी कार्ययोजना बनाई गई है।
वन विभाग के अनुसार बॉल लुढ़काने के बाद डंडे से लकीर बनाकर उसमें बॉल रखा जाएगा। इससे ज्यादा से ज्यादा क्षेत्र में यह योजना कारगर साबित होगी।
पूर्व सीसीएफ ने बनाई थी योजना
पूर्व सीसीएफ केके बिसेन ने संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में इस सीड बॉल (Seed ball method) की योजना के बारे में जानकारी दी थी। इस संबंध में वन अधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया गया था। इसे ही पूरे प्रदेश में सरकार द्वारा अपनाने की तैयारी की जा रही है।
पूर्व सीसीएफ ने बनाई थी योजना
पूर्व सीसीएफ केके बिसेन ने संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में इस सीड बॉल (Seed ball method) की योजना के बारे में जानकारी दी थी। इस संबंध में वन अधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया गया था। इसे ही पूरे प्रदेश में सरकार द्वारा अपनाने की तैयारी की जा रही है।
बंजर जमीन पर हरियाली की उम्मीद
वन विभाग ने सीड बॉल की इजाद उन इलाकों में पौधरोपण के लिए की है, जहां ढलान होता है और उन्हें वन विभाग हरियाली से आच्छादित करने वाला है। करीब एक लाख सीड बॉल (Seed ball method) बनाकर उन इलाकों में पौधरोपण किया जा रहा है। उम्मीद है कि सीड बॉल के जरिए बंजर इलाके में भी हरियाली लाई जा सकेगी।
प्रियंका पांडेय, डीएफओ, सरगुजा