अन्नप्राशन कार्यक्रम में शामिल होकर शाम को जंगल के रास्ते बाइक पर सवार होकर लौट रहे थे तीनों, मरा समझकर हाथियों ने छोड़ा
Injured wife
अंबिकापुर. पति-पत्नी अपने 6 वर्षीय बेटे के साथ शुक्रवार को अन्नप्राशन कार्यक्रम में शामिल होकर बाइक से घर लौट रहे थे। रास्ते में चंदरपुर जंगल के समीप शाम 6.30 बजे अचानक 15 से 20 हाथियों का दल देख बेटे को लेकर भागने लगे। इसी दौरान एक हाथी ने दौड़ाकर तीनों को संूड में लपेट लिया और जमीन पर फेंक दिया।
इससे तीनों जंगल में किए गए फेंसिंग के उस पार जाकर गिरे और बेहोश हो गए। जबकि हाथी फेंसिंग के इसी तरफ रुके रहे। हाथियों ने तीनों को मरा समझ लिया और वहां से चले गए।
कुछ देर बाद जब महिला को होश आया तो उसने बहादुरी पूर्वक अंधेरे में किसी तरह अपने बेटे व पति को घसीटते हुए 1 किमी दूर स्थित चंदरपुर कोजरी गांव के एक घर में लाइट जलती देख पहुंची। सूचना पर वन विभाग की टीम वहां पहुंची और तीनों को कार से ही इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल भर्ती कराया। तीनों को गंभीर चोटें आई हैं।
सूरजपुर जिले के जयनगर थाना क्षेत्र के ग्राम चेरा सुन्दरगंज निवासी 36 वर्षीय रामबरन पति रनसाय शुक्रवार शाम 6.30 बजे अपनी पत्नी 32 वर्षीय लवांगो व 6 वर्षीय बेटे नील कुमार के साथ बाइक से अन्नप्राशन कार्यक्रम में शामिल होने ग्राम केरता गए थे। वहां से तीनों जंगल के रास्ते से वापस आ रहे थे।
रास्ते में चंदरपुर जंगल के पास पहले से 15 से 20 हाथियों का दल मौजूद था। हाथियों को देखकर रामबरन ने बाइक रोक दी और भागने लगे। इस बीच एक हाथी ने उन्हें दौड़ाकर सूंड से उठाकर फेंक दिया। तीनों जंगल में किए गए तार फेंसिंग के पार जाकर गिर गए और बेहोश हो गए।
इस दौरान हाथी उन्हें फेंसिंग के उस पार से अपनी ओर खींचने का प्रयास कर रहे थे। बेहोशी की हालत में पति-पत्नी के शरीर में कोई हलचल नहीं होने पर हाथियों ने उन्हें मरा समझ लिया और वहां से आगे निकल गए।
महिला ने दिया बहादुरी का परिचय हाथियों के हमले में बेहोश पत्नी को 10 मिनट बाद जब होश आया तो पति व बेटे को किसी तरह उठाकर खिंचते हुए एक किमी दूर ग्राम चंदरपुर कोजरी पहुंची। यहां से महिला ने घटना की जानकारी अपने घरवालों को दी।
इस दौरान रामबरन को भी होश आ गया और वह बपने मोबाइल से घटना की जानकारी परिजन को दी। सूचना मिलते ही परिजन व गांव वाले वहां पहुंचे। वन अमले ने अस्पताल में कराया भर्ती घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम गांव में पहुंची और अपनी कार से ही तीनों को इलाज के लिए रात 10 बजे मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर में भर्ती कराया। यहां सभी का इलाज चल रहा है। इस दौरान वन विभाग ने इलाज के लिए 4000 रुपए सहायता राशि दी है।
तीनों गंभीर रूप से हैं जख्मी हथियों के हमले में पति-पत्नी व मासूम बेटा गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। हाथी ने तीनों को सूंड से उठाकर फेंक दिया था। इससे रामबरन को सिर व चेहरे जबकि महिला के पैर व सिर में चोट है। वहीं हाथी द्वारा फेंके जाने से बेटे का हाथ टूट गया है।