विभाग द्वारा मृतक के परिजनों को तात्कालिक सहायता राशि के रूप में 25 हजार रुपए प्रदान किए गए। वहीं सूरजपुर जिले के प्रतापपुर विकासखंड स्थित ग्राम पंचायत खुंसी से लगे जंगल में बूढ़े हाथी का 15 दिन पुराना सड़ा-गला शव मिला। वन विभाग ने पीएम पश्चात मौके पर ही उसका दाह-संस्कार कर दिया।
राजपुर वन परिक्षेत्र के गोपालपुर सर्किल अंर्तगत ग्राम पसरवार कला निवासी सोहन पिता शिपता बरगाह 50 वर्ष गुरुवार को अपने नए मकान से रात्रि करीब 8 बजे खाना खाने के बाद अपने परिजनों को बोला कि पुराने मकान कोतरीपारा में सोने जा रहा हूं। इसी बीच रास्ते मे एक जंगली हाथी से उसका सामना हो गया। हाथी को देखते ही सोहन भागने लगा, लेकिन हाथी ने उसे सूंड से पकड़कर पटक दिया और कुचलकर मार डाला।
मृतक के घरवाले पूरी रात इस बात से अनजान रहे। सुबह गांव के ही एक व्यक्ति ने खेत में जाते समय नदी किनारे सोहन की लाश पड़ी देखी। इसकी सूचना उसने उसके परिजनों को दी। इधर सरपंच की सूचना पर वन मंडलाधिकारी विवेकानन्द झा, उप वनमंडलाधिकारी जेआर भगत, रेंजर अनिल सिंह, मनोज जायसवाल व राजेन्द्र तिवारी मौके पर पहुंचे और ग्रामीण के शव को पीएम के लिए अस्पताल भिजवाया।
उन्होंने मृतक के परिजनों को तात्कालिक सहायता राशि के रूप में 25 हजार रुपए भी प्रदान किए। गौरतलब है कि बुधवार की शाम प्रतापपुर विकासखंड के ग्राम गोटगवां निवासी एक महिला को भी दल से बिछड़े हाथी ने मार डाला था।
हाथी की सड़ी-गली मिली लाश
इधर प्रतापपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत खुंसी से 5 किलोमीटर दूर सुरता पहाड़ के रुपियाडीह नाले के पास एक हाथी की सड़ी-गली लाश मिली। सूचना पर सूरजपुर डीएफओ डॉक्टरों की 3 सदस्यीय टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने पीएम के बाद हाथी के शव को जला दिया।
वन विभाग का कहना है कि हाथी बूढ़ा हो चुका था तथा वह सुन भी नहीं सकता था। नाले की ओर गए ग्रामीणों ने हाथी की लाश देखने के बाद उन्हें सूचना दी थी। इस मामले में खास बात यह रही कि 15 दिन से हाथी मरा पड़ा था और विभाग को भनक तक नहीं लगी।