गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सांई सेवा समिति द्वारा सांई बाबा की पालकी शहर भ्रमण के लिए भट्ठी रोड से निकाली गई। भक्तों द्वारा सांई बाबा की पालकी को आकर्षक साज-सजा की गई थी।
इसमें बाबा की आकर्षक प्रतिमा विराजित की गई थीं। दोपहर 3.30 बजे श्रीकांत नानोटी के घर से निकली शोभायात्रा जोड़ा पीपल होते हुए आकाशवाणी चौक, गांधी चौक, देवीगंज मार्ग होते हुए महामाया चौक, गुरुनानक चौक, गुदरी चौक होते हुए भट्टी रोड में वापस पहुंचकर समाप्त हुई।
शोभायात्रा में बाबा की धूनी भी जलाई गई थी। पालकी के साथ सांई भक्तों की विशाल भीड़ झूमती-गाती रही। पुरूष श्रद्धालु सांई बाबा की पालकी कंधों पर लेकर चलते रहे, वहीं काफी संख्या में महिला-पुरूष, युवतियां व बच्चे नाचते-गाते रहे। समिति के लोगों द्वारा मार्ग पर सभी को प्रसाद वितरण किया गया।
बारिश में भी सांईं धुन पर थिरकते रहे श्रद्धालु
शहर भ्रमण के दौरान बारिश शुरू हो गई। इसके बावजूद सांई के भक्तों की श्रद्धा कम नहीं हुई। सांई भजनों के धूम पर बच्चे हों या फिर महिलाएं सभी थिरकते नजर आए। इस दौरान सभी ने जमकर रंग व अबीर भी एक दूसरे को लगाया।
शहर भ्रमण के दौरान बारिश शुरू हो गई। इसके बावजूद सांई के भक्तों की श्रद्धा कम नहीं हुई। सांई भजनों के धूम पर बच्चे हों या फिर महिलाएं सभी थिरकते नजर आए। इस दौरान सभी ने जमकर रंग व अबीर भी एक दूसरे को लगाया।
जगह-जगह हुआ स्वागत
सांई बाबा की पालकी का शहर के अंदर जगह-जगह स्वागत किया गया। सांई भक्तों ने पालकी को रोककर बाबा की न केवल आरती की, बल्कि पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। जोडा पीपल, चित्र मंदिर के समीप, देवीगंज मार्ग पर महराजा गली के समीप, गुरूनानक चौक, गुदरी चौक पर श्रद्धालुओं ने बाबा के पालकी का स्वागत किया।
सांई बाबा की पालकी का शहर के अंदर जगह-जगह स्वागत किया गया। सांई भक्तों ने पालकी को रोककर बाबा की न केवल आरती की, बल्कि पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। जोडा पीपल, चित्र मंदिर के समीप, देवीगंज मार्ग पर महराजा गली के समीप, गुरूनानक चौक, गुदरी चौक पर श्रद्धालुओं ने बाबा के पालकी का स्वागत किया।
हुई विशेष पूजा-अर्चना
गुरू पूर्णिमा पर मंगलवार को बनारस रोड स्थित सांई मंदिर में सुबह से विभिन्न आयोजन किए गए। सुबह बाबा का स्नान व आरती की गई। इसके बाद भक्तों को प्रसाद वितरण किया गया।
गुरू पूर्णिमा पर मंगलवार को बनारस रोड स्थित सांई मंदिर में सुबह से विभिन्न आयोजन किए गए। सुबह बाबा का स्नान व आरती की गई। इसके बाद भक्तों को प्रसाद वितरण किया गया।