स्वच्छ भारत अभियान के तहत अंबिकापुर मॉडल को पूरे देश में सराहना मिल रही है। इसके तहत अंबिकापुर द्वारा अपनाए गए डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन को अपनाए जाने की तैयारी की जा रही है। घरेलू व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में से निकलने वाले कचरे को अलग-अलग किया जाएगा। इसके बाद ठोस अपशिष्ट का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण किया जाएगा।
यह मॉडल काफी दिनों से छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर निगम द्वारा अपनाई गई है। इसकी वजह से अंबिकापुर निगम आज पूरे देश में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है। छत्तीसगढ़ के प्रत्येक शहर में अंबिकापुर मॉडल को अपनाया गया है।
अब गंगा किनारे स्थित शहरों में अंबिकापुर निगम के मॉडल को अपनाकर स्वच्छ रखने की तैयारी की जा रही है। यूपी सरकार भी यहां की तरह महिला स्वयं सहायता समूह बनाकर यह योजना संचालित करना चाहती है। घरों से कलेक्शन कर कचरा से खाद बनाया जाएगा।
कार्यशाला का हुआ आयोजन
गंगा के किनारे स्थित नगरीय निकाय को अंबिकापुर मॉडल के बारे में जानकारी देने के लिए दो दिवसीय कार्यशाला उत्तरप्रदेश में आयोजित की कजा रही है। इसका आयोजन स्वच्छ भारत मिशन कर रहा है।
इसमें अंबिकापुर नगर निगम के मॉडल को लागू करवाने वाले एवं भारत सरकार के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के सलाहकार सी. श्रीनिवासन भी शामिल होंगे। सी. श्रीनिवासन इसके पूर्व अंबिकापुर नगर निगम में काम कर चुके हैं।