यूएस सिंहदेव के निधन से सरगुजा में शोक की लहर फैल गई है। उनका पार्थिव शरीर बॉम्बे से आई प्राइवेट प्लेन से दरिमा एयरपोर्ट लाया गया। यहां से सड़क मार्ग से सरगवां पैलेस स्थित निवास में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। उनका अंतिम संस्कार २२ मई को बनारस में किया जाएगा।
गौरतलब है कि सरगुजा राजपरिवार के राजा उमेश्वर शरण सिंह देव को सहकारिता के क्षेत्र में जिले भर में किये गये उत्कृष्ठ कार्यों के लिये इफको के सर्वोच्च सम्मान ‘सहकारिता बंधु पुरस्कार’ से नवाजा गया था। 10 अक्टूबर 1941 को जन्मे उमेश्वर शरण सिंह देव का 78 वर्ष की उम्र में दिल का दौरा पडऩे से निधन हो गया।
अविभाजित सरगुजा जिला कांग्रेस कमेटी के वे 3 बार जिलाध्यक्ष तथा 22 वर्षों तक सहकारी बैंक के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष पद पर आसिन रहे। 6 वर्ष तक सरगुजा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के डॉयरेक्टर के रूप में कार्य किया, 1997 में रेणुका सहकारी बैंक की स्थापना के समय से अब तक लगातार डायरेक्टर के रूप में कार्य करते रहे थे।
सन् 1977 में सूरजपुर से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव एवं 2010 में भटगांव विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में उप चुनाव लड़ा। दोनों ही चुनावों में वे दूसरे स्थान पर रहे। जिला पंचायत सरगुजा के उपाध्यक्ष भी थे।
शैक्षणिक योग्यता व कार्य
यूएस सिंहदेव ने जयपुर विश्वविद्यालय से रसायन शास्त्र से एमएससी तथा एलएलबी की शिक्षा भी हासिल की। उन्हें विश्वविद्यालय स्तर पर क्रिकेट खेलने का अनुभव रहा। उन्होंने अपने शुरूआती दिनों में बॉम्बे में कई बड़ी कंपनियों में भी जॉब किया। अंतत: सरगुजा वापस आकर राजनैतिक एवं पैतृक कार्यों में लग गये। उन्होंने प्रारंभ से ही कृषि कार्य को प्राथमिकता दी और उसे ही परिवार के लिये वृहद रूप में आय का साधन भी बनाया।
आज भी बड़े कृषक के रूप में उनको जाना जाता है। उन्होंने अपना अधिकतर समय कृषि कार्य को देने के अलावा दूसरों को बेहतर कृषि के लिये प्रेरित करते रहे हैं। सरगुजा जिले में पहली बार विदेशी नस्ल की जर्सी गाय के गौशाला का निर्माण और उसको पालना जैसी चीजों की उन्होंने शुरूआत की, जिसे देखकर सरगुजा जिले में जर्सी गाय पालन की दिशा में लोग प्रेरित हुए।
बनारस में होगा अंतिम संस्कार
गौरतलब है कि स्व. यूएस सिंहदेव सूरजपुर जिले के वर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष पुत्र विंध्येश्वर शरण सिंह देव एवं अम्बिका सिंह देव के आप पिता थे। 21 मई को सुबह 7 बजे रायपुर में निधन के बाद विशेष विमान द्वारा रायपुर से अम्बिकापुर दरिमा एयर पोर्ट पर शाम 4.30 बजे लाया गया।
यहां से सरगवां पैलेस आमजनों के अंतिम दर्शनार्थ पार्थिव शरीर को रखा गया। 22 मई को सुबह 6 बजे पार्थिव शरीर सरगवां से दरिमा एयरपोर्ट के बाद बनारस में अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जाएगा।