थोड़ी देर बाद जब दुकानदारों ने डीडी देखी तो उन्हें पता चला कि युवक उन्हें फर्जी बैंक ड्रॉफ्ट पकड़ाकर चला गया था। इसके बाद उन्होंने मामले की रिपोर्ट तत्काल कोतवाली में दर्ज कराई। रिपोर्ट पर कोतवाली व क्राइम ब्रांच की टीत ने चंद घंटे में ही आरोपी को धरदबोचा। पुलिस ने उससे 9 लाख रुपए की एलईडी टीव्ही भी बरामद की है।
8 अगस्त की सुबह अंबिकापुर के स्कूल रोड स्थित अंबर लाइट एवं इलेक्ट्रॉनिक एजेंसी व महामाया चौक स्थित लक्जर इंटरप्राइजेस में रविवार की सुबह राजेश राय नाम का एक युवक पहुंचा। उसने दोनों दुकान के संचालकों को बताया कि वह विश्रामपुर का रहने वाला है और एसईसीएल में सेक्शन इंजीनियर के पद पर पदस्थ है।
इसके बाद उसने दुकानदारों से एलजी, सेमसंग व हेरर कम्पनी के अलग-अलग साइज के एलईडी टीव्ही के दर पूछे और कोटेशन लेकर वापस लौट गया। 13 अगस्त को उसने सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया का दो अलग-अलग बैंक ड्राफ्ट देकर टाटा मैजिक के चालक रवि गुप्ता को दुकानों में भेजा। बैंक ड्राफ्ट देने के बाद मैजिक के चालक ने दोनों ही दुकान से 21 नग एलईडी टीव्ही लोड की और गंतव्य के लिए रवाना हो गया।
दुकान के संचालकों को शक होने पर उन्होंने जब बैंक ड्राफ्ट को देखा तो उन्हें उसके फर्जी होने पर तत्काल इसकी शिकायत कोतवाली में दर्ज कराई। कोतवाली पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ जुर्म दर्ज कर आरोपी की पतासाजी के लिए क्राइम ब्रांच की टीम को लगाया। क्राइम ब्रांच व कोतवाली पुलिस ने शाम 5.30 बजे ही बस से राजेश राय को गिरफ्तार किया। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर बस में रखी २१ नग एलईडी टीव्ही भी बरामद कर ली।
दुकानदारों के अनुसार एलईडी की कीमत लगभग 9 लाख रुपए है। कार्रवाई में कोतवाली टीआई नरेश चौहान, एसआई महेश यादव, बृजकिशोर पाण्डेय, क्राइम ब्रांच प्रभारी भूपेश सिंह, एएसआई राजेन्द्र सिंह, प्रधान आरक्षक धीरज जायसवाल, आरक्षक भोजराज पासवान, विकास सिंह, राकेश शर्मा, बृजेश राय, उपेंद्र सिंह, मनीष यादव, दशरथ राजवाड़े सहित अन्य शामिल थे।
सीसीटीव्ही से आरोपी की हुई पहचान
आरोपी की पहचान सीसी टीव्ही से हुई। पुलिस ने आरोपी की पहचान हेतु दोनों दुकान में लगे सीसी टीव्ही फुटेज को खंगाला। उसमें आरोपी की पहचान होने के बाद क्राइम ब्रांच व कोतवाली पुलिस ने उसे चंद घंटे में धरदबोचा।
बैंक ड्राफ्ट किसने बनाया यह बड़ा सवाल
इसके पूर्व भी नमनाकला में एक वर्ष पूर्व इलेक्ट्रॉनिक एजेंसी में दो लोगों ने फर्जी आर्मी ऑफिसर बनकर लाखों रुपए की एलईडी टीव्ही व अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान पार कर दिए थे। उस प्रकरण में भी बैंक ड्राफ्ट दिया गया था। आरोपी के पकड़े जाने के बावजूद यह बड़ा सवाल है कि ओरिजनल बैंक ड्राफ्ट की तरह से ड्राफ्ट कहां और किसने बनाया। उसकी पहचान जरूरी है।