उक्त बातें एआईसीसी सचिव चंदन यादव ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहीं।उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और फिर न्याय यात्रा से देश मे नफरत कम हुई है। लोगो का भरोसा विकास की राजनीति पर बढ़ा है। यही बात भाजपा को पच नहीं रही। भाजपा देश को जाति-धर्म, खान-पान, पहनावा, रीति-रिवाज, बोली-भाषा के आधार पर तोडऩा चाहती है।
संविधान उन्हें इसकी इजाजत नहीं देता। भाजपा और आरएसएस की मूल विचारधारा संविधान की प्रस्तावना से टकराती है। इसलिए ये संविधान बदलने की बात कहते हैं। ये नई बात नहीं है। यादव ने कहा कि 10 साल सरकार चलाने के बाद भी प्रधानमंत्री मोदी अपने कामों पर वोट मांगने की स्थिति में नहीं है।
भय भूख और भ्रष्टाचार चरम पर है, मध्यम वर्ग पर बोझ बढ़ा है। कांग्रेस पार्टी किसानों को एमएसपी, युवाओं को रोजगार, महिलाओं को हर साल एक लाख रुपये देने का वादा किया है। उन्हें पूंजीपतियों की चिंता है हमने सबकी भागीदारी का वादा किया है।
पत्रकार वार्ता में पादप बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष बाल कृष्ण पाठक, श्रम कल्याण मण्डल के पूर्व अध्यक्ष शफी अहमद, प्रदेश उपाध्यक्ष जेपी श्रीवास्तव, जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश गुप्ता, ब्लॉक अध्यक्ष हेमंत सिन्हा, शैलेन्द्र प्रताप सिंह, आशीष वर्मा, अशफाक अली, मदन जायसवाल, दिनेश शर्मा, नरेंद्र विश्वकर्मा, शिवेश सिंह व अविनाश कुमार उपस्थित थे।
‘चिंतामणि के प्रचार से दूर हैं भाजपा के बड़े नेता’
प्रदेश प्रभारी यादव ने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र से भाजपा घबराई हुई है इसलिए प्रधानमंत्री खुद मोदी की गारंटी को भूल गए हैं वह लोगों को झूठ और भावनात्मक भाषण से बरगलाकर वोट हासिल करना चाहते हैं। देश की जनता इस बार बहकावे में नहीं आएगी। आचार संहिता के उल्लंघन के सवाल पर उन्होंने कहा कि कोरिया जिले में धार्मिक कार्यक्रम का राजनीतिकरण करने पर चुनाव आयोग ने वहां की प्रत्याशी को नोटिस दिया है।
प्रधानमंत्री को भी नफरत की भाषण के लिए नोटिस जारी किया गया है। सरगुजा में चिंतामणि कोई चुनौती नहीं है, भाजपा के लोग कल तक उन्हें भ्रष्टाचारी बताते थे, आज जब उनके लिए वोट मांगने जाते हैं तो जनता उनसे सवाल करती है। यही कारण है कि भाजपा के बड़े नेता उनके चुनाव प्रचार से दूरी बनाए हुए हैं।