मामला एक सड़क के किनारे उगी झाड़ियों की सफाई से जुड़ा है। बताया जा रहा है कि बीते 16 सितंबर को तत्कालीन जलालपुर एसडीएम सुनील कुमार ने मालीपुर-जलालपुर मार्ग पर झाड़ियों की सफाई के लिए इजीनियर लोकनिर्माण विभाग को निर्देशित करते हुए एक पत्र भेजा था। एसडीएम का पत्र मिलते ही इजीनियर एम.के अनिल ने जबाब में ऐसा पत्र भेजा की उसको पढ़कर एसडीएम हैरान हो गए।
द्वितीय श्रेणी का अधिकारी कैसे निर्देशित कर सकता है? इंजीनियर ने एसडीएम को लिखे पत्र में पूछा कि आप उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की ओर से चयनित एवं उत्तर प्रदेश शासन द्वारा तैनात द्वितीय श्रेणी ‘ख’ के अधिकारी हैं, जबकि मैं वर्तमान में उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग द्वारा चयनित एवं उत्तर प्रदेश शासन द्वारा तैनात प्रथम श्रेणी ‘क’ के अधिकारी के पद पर तैनात हूं। आप स्पष्ट करें कि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा निर्धारित किस नियमावली के अंतर्गत द्वितीय श्रेणी का अधिकारी, प्रथम श्रेणी के अधिकारी को निर्देशित कर सकता है।
किस मद में खर्च होगी धनराशि
अधिशासी अभियंता यहीं नहीं रुके। उन्होंने एसडीएम सुनील कुमार से यह भी पूछ लिया कि आपके द्वारा मालीपुर से जलालपुर मार्ग पर लटकी झाड़ियों एवं पेड़ों की शाखाओं को साफ करने हेतु कोई बजट इस खंड को उपलब्ध कराया गया है। अधिशासी अभियंता ने यह भी पूछा है कि इस कार्य में जो धनराशि प्रयोग की जाएगी, उसे किस मद से खर्च किया जाएगा।
3 दिन पहले SDM का हुआ है ट्रांसफर
मामला तूल पकड़ता देख डीएम अविनाश कुमार सिंह ने दोनों अधिकारियों को बुलाकर मामले को शांत कराया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारी ने पत्र जारी कर कहा है कि आपसी संवाद के अभाव के कारण यह स्थिति आई है। इंजीनियर को पत्र लिखने वाले एसडीएम सुनील कुमार का अभी तीन दिन पहले ही गैर जनपद बलिया स्थानांतरण हो गया है। वह अब जिले में नहीं हैं।