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68500 शिक्षक भर्ती को लेकर हुआ नया खुलासा, भर्ती में की गई धांधली का सच इस तरह आया सामने

locationअम्बेडकर नगरPublished: Sep 17, 2018 12:57:13 pm

Submitted by:

Ruchi Sharma

68500 शिक्षक भर्ती को लेकर हुआ नया खुलासा..

ambedkar nagar

68500 शिक्षक भर्ती को लेकर हुआ नया खुलासा, भर्ती में की गई धांधली का सच इस तरह आया सामने

अम्बेडकर नगर. 68500 शिक्षकों की बेसिक शिक्षा विभाग में भर्ती को लेकर पिछले महीने घोषित किये गए रिजल्ट बड़ी अनियमितता का मामला सामने आया था। रिजल्ट घोषित किये जाने के बाद प्रदेश भर से बड़ी संख्या में परीक्षार्थियों ने आरोप लगाने शुरू कर दिए थे कि उनको जितना अंक मिलना चाहिए था वह नहीं दिया गए हैं। इसको लेकर कई परीक्षार्थियों ने शिकायत भी दर्ज कराई थी। इन्ही शिकायत कर्ताओं में अनुसूचित जाति की एक परीक्षार्थी सोनिका देवी थी, जिसको परिणाम घोषित होने पर 45 अंक देकर फेल कर दिया गया था। परिणाम के खिलाफ सोनिका देवी ने हाईकोर्ट लखनऊ में एक रिट याचिका दाखिल की, जिसमें हाईकोर्ट ने मूल कॉपी परीक्षा नियामक प्राधिकारी से तलब कर लिया था और जो कॉपी विभाग की तरफ से हाईकोर्ट में दाखिल की गई, वह सोनिका देवी की कॉपी ही नहीं थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने सोनिका देवी को नियुक्ति पत्र देने का शासन को निर्देश दिया और उसे शासन स्तर से नियुक्ति पत्र जारी कर दिया गया।

इसी तरह से बहुत से परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिका में बड़ा घपला किया गया था, जिसमें 122 अंक पाने वाले अंकित वर्मा को मात्र 22 अंक देकर फेल घोषित किया गया था। मोहम्मद अजमल अशरफ को 96 अंक मिलना चाहिए था, लेकिन उन्हें 39 अंक देकर फेल कर दिया गया था। इसी तरह सैकड़ों ऐसे अभ्यर्थी थे , जिनका आरोप था कि उन्हें जितना अंक मिलना चाहिए था वह नहीं मिला है।

अभ्यर्थियों को इस तरह घपलेबाजी का चला पता

शिक्षक भर्ती के लिए जो परीक्षा आयोजित की गई थी, उसमें बहुत से अभ्यर्थियों ने सुविधानुसार उत्तर पुस्तिका की कार्बन कॉपी तैयार की थी। जानकारी के अनुसार परिणाम घोषित करने से पहले विभाग द्वारा प्रश्नों के सही उत्तर प्रकाशित किये गए थे, जिसके आधार पर सभी अभ्यर्थी अपना मिलान करके प्राप्त होने वाले अंक की जानकारी कर लिए थे, लेकिन जब परीक्षा परिणाम आया तो इनमें से बहुत के होश उड़ गए क्योंकि इनको जो अंक मिलने चाहिए थे वह न मिलकर काफी कम अंक देकर फेल घोषित कर दिया गया था। इसकी शिकायत इन लोगों ने लिखित रूप से की, लेकिन कोई सुनवाई न होने पर ये लोग इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिट दाखिल की और हाइकोर्ट के निर्देश पर रिट करने वाले अभ्यर्थियों को उत्तर पुस्तिका का स्कैन शीट देने का निर्देश दिया गया था।

रिजल्ट में घपलेबाजी के आरोप में शासन ने सचिव को किया निलंबित

बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों की शिकायत के आधार पर शासन ने परीक्षा नियामक प्राधिकरण के सचिव सुत्ता सिंह को निलंबित कर एक जांच कमेटी गठित कर दी गई, लेकिन लखनऊ से इधर सुत्ता सिंह को शासन ने निलंबित किया और उधर इलाहाबाद के अपने कार्यालय में किये गए घपलेबाजी को मिटाने का प्रयास शुरू कर दिया गया। इसी दिन हाईकोर्ट के निर्देश पर बहुत से अभ्यर्थी दो-दो हजार रुपये जमा कर अपनी उत्तर पुस्तिका की स्कैन कॉपी लेने के लिए पहुंचे थे। इन्ही में एक प्रत्यक्ष दर्शी ने परीक्षा नियामक प्राधिकरण के कार्यालय की जो कहानी बताई, उसे सुनकर इस परीक्षा प्रणाली के भ्रष्टाचार की पूरी कलई खुल गई।
घपले बाजी कर फेल किये गए अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिका जलाने का वीडियो हुआ कैमरे में कैद

जिस समय इलाहाबाद की परीक्षा नियामक प्राधिकरण के कार्यालय में कई अभ्यर्थी अपने उत्तर पुस्तिका की कॉपी लेने पहुंचे थे, उसी समय सुत्ता सिंह की मौजूदगी में कार्यालय बाहर से बंद कर अंदर पीछे की तरफ बहुत सारे अभिलेख जलाए जा रहे थे। इन्ही अभ्यर्थियों में से एक प्रत्यक्षदर्शी पहली बार कैमरे के सामने पत्रिका से जो बताई वह काफी हैरान कर देने वाला है।

अम्बेडकर नगर निवासी मोहम्मद अजमल अशरफ नाम के इस अभ्यर्थी ने बताया कि जब वे लोग कार्यालय में अपनी उत्तर पुस्तिका की स्कॅन कॉपी मिलने की प्रतीक्षा कर रहे थे, उस समय सचिव सुत्ता सिंह वहां मौजूद थीं और चैनल में ताला बंद था। उसने बताया कि थोड़ी देर बाद सचिव तो चली गईं, लेकिन कार्यालय के पीछे के हिस्से से थोड़ी देर बाद धुंआ उठना शुरू हो गया और धुंआ देखकर कुछ लोग जब पीछे पहुंचे तो वहां कार्यालय के कुछ लोग ढेर सारे अभिलेख जला रहे थे और ये लोग जब पास पहुंच कर जब देखा तो बहुत सारे अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिका जलाई जा रही थी। इन अभ्यर्थियों के पहुंचने से परीक्षा नियामक प्राधिकरण के कर्मचारी वहां से भाग लिए, लेकिन इस आगजनी का वीडियो कैमरे में कैद हो गया।
देखिये पत्रिका से एक्सक्लूसिव बातचीत का वीडियो

अभ्यर्थी अजमल ने पत्रिका की एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि इस आगजनी में सोनिका देवी के अंकपत्र की अधजली प्रति भी मिली है, जबकि विभाग ने हाइकोर्ट में उसकी पूरी उत्तर पुस्तिका दाखिल की थी। अजमल का कहना है कि उसे विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई उत्तर पुस्तिका में 92 अंक दिए गए हैं, जबकि परिणाम घोषित करते समय उसे 39 अंक देकर फेल घोषित कर दिया गया था। मोहम्मद अजमल अशरफ ने बताया कि पिछड़ी जाति की कट ऑफ मेरिट 67 अंक थी, लेकिन उसे 92 अंक मिलने के बाद भी अभी तक शासन द्वारा उसे नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया। उन्होंने बताया कि कई ऐसे अभ्यर्थी भी पास कर दिए गए हैं, जो परीक्षा में अनुपस्थित थे। परीक्षा में अधिक अंक पाने वालों को फेल कर जिनको इसका लाभ दिया गया है, वे नियुक्ति पत्र पाकर विद्यालय में भी नियुक्त किये जा चुके हैं, लेकिन मोहम्मद अजमल जैसे सैकड़ों अभ्यर्थी आज हाईकोर्ट और शासन द्वारा की जा रही जांच के इंतजार में बैठे हैं।
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