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जलालपुर उपचुनाव : जातीय समीकरण के चलते भाजपा और बसपा में होगी बड़ी सपा कांग्रेस करेंगे संघर्ष

locationअम्बेडकर नगरPublished: Oct 14, 2019 02:47:19 pm

खबर के मुख्य बिंदु –
– भाजपा ने पिछले चुनाव में हार चुके डॉ राजेश सिंह को बनाया है उम्मीदवार
– बसपा के कद्दावर नेता लाल जी वर्मा ने अपनी युवा बेटी छाया वर्मा को पहली बार उतारा है मैदान में
– सपा कांग्रेस समेत कुल 12 प्रत्याशी हैं चुनाव मैदान में
– पिछले चुनाव में बसपा के रितेश पांडे ने जीता था चुनाव अब बन चुके हैं सांसद

अम्बेडकर नगर। जिले की जलालपुर-280 विधानसभा सीट पर आने वाले 21 अक्टूबर को उप चुनाव होना है। 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां से बसपा प्रत्याशी रितेश पांडेय विजयी हुए थे और 2019 के लोकसभा चुनाव अम्बेडकर नगर सीट पर रितेश पांडेय को बसपा पार्टी से सांसद चुन लिए जाने के बाद जलालपुर विधानसभा सीट खाली है, जिस पर निर्वाचन आयोग की तरफ से उप चुनाव कराने की घोषणा की है।
जलालपुर विधानसभा सीट पर उप चुनाव की घोषणा के बाद से कांग्रेस, भाजपा, सपा और बसपा समेत कुल 12 प्रत्याशी चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। भाजपा इस सीट डॉ राजेश सिंह को फिर से मैदान में उतारा है। 2017 में भी राजेश सिंह ही भाजपा प्रत्याशी रहे हैं। इस बार जीत सुनिश्चित कराने के लिए भाजपा के कई कद्दावर मंत्री से लेकर प्रदेश अध्यक्ष, उप मुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री तक जलालपुर का दौरा कर चुके हैं। वहीं समाजवादी पार्टी ने सुभाष राय को अपना प्रत्याशी बनाया है। सपा में स्थानीय नेताओं में पूर्व मंत्री राम मूर्ति वर्मा और कई दिग्गज तो प्रचार में जुड़े हुए हैं। इसके अलावा पार्टी हाई कमान ने मतदाताओं को लुभाने के लिए लोक गायिका का भी सहारा लिया है। बहुजन समाज पार्टी के कद्दावर नेता पूर्व मंत्री लालजी वर्मा की पुत्री डॉ छाया वर्मा बसपा प्रत्याशी हैं। डॉ छाया वर्मा मेडिकल कालेज में सर्जन रही हैं, जिन्होंने इस्तीफा देकर चुनाव मैदान में बसपा का परचम लहराने का मन बनाया है।
पिछले एक दशक में हुए चुनाव में जलालपुर किसी एक पार्टी की होकर नही रही। जलालपुर से पांच बार विधायक रह चुके शेर बहादुर सिंह ऐसे नेता हैं, जिन्होंने कांग्रेस, सपा और बसपा के अलावा निर्दल लड़कर भी पांच बार विधानसभा में जलालपुर का प्रतिनिधित्व किया है। 2017 के चुनाव में खराब स्वास्थ के कारण अपने पुत्र डॉ राजेश को मैदान में उतारा और एक बार फिर इस उप चुनाव में डॉ राजेश भाजपा प्रत्याशी हैं। बसपा के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे राम लखन वर्मा भी इस सीट से चार बार विधायक रह चुके हैं। लेकिन इतने कद्दावर नेताओं के बावजूद जलालपुर के मतदाता इस क्षेत्र को विकास के अधूरा ही मानते हैं। कृषि के बाद यहां का सबसे बड़ा उद्योग वस्त्र उद्योग है, जो इन दिनों बड़े खराब हालात से गुजर रहा है। इस क्षेत्र के लोगों की शिकायत है कि आवागमन के लिए सरकार की तरफ से कोई इंतजाम आज तक नही हो सका। क्षेत्र में सरकार की तरफ से एक विद्यालय तक नही बनाया जा सका है। इसके अलावा जलालपुर की बहुत पुरानी मांग तमसा नदी पर एक पुल जो जलालपुर बाजार को ग्रामीण क्षेत्र से जोड़ता है, उसकी मांग है, लेकिन कोई भी पार्टी इसे पूरा नही कर सकी।

2019 के विधानसभा उपचुनाव में जलालपुर में कुल मतदाताओं की संख्या 3,93,104 है, जिसमे पुरुष मतदाताओं की संख्या 2,11,885 व महिला मतदाताओं की संख्या 1,81,628 है। 2017 के विधानसभा चुनाव जलालपुर से बसपा प्रत्याशी रितेश पांडेय 37.75 प्रतिशत यानी 90027 मत पाकर पहले स्थान पर, भाजपा के राजेश सिंह 32.30 यानी 77133 मत, सपा के शंखलाल माझी को 24.56 प्रतिशत यानी 58479 मत पाकर दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। फिलहाल सपा, बसपा, भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे को पीछे छोड़ने की होड़ में जुटे हुए हैं।
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