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बसपा नेता की हत्या से मचा हड़कंप, पूर्व आईजी ने किया सबसे बड़ा खुलासा, इस डर से किया मर्डर

locationअम्बेडकर नगरPublished: Jul 21, 2019 12:20:31 pm

Submitted by:

Ruchi Sharma

बसपा नेता की हत्या-पूर्व आईजी का बड़ा आरोप

BSP

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अम्बेडकर नगर. आरटीआई ऐक्ट के लागू होने के बाद से देश में सूचना मांगने से लेकर भूचाल सा आ गया है। बिना किसी शस्त्र का यह हथियार इतना कारगर साबित हुआ कि देश के तमाम बड़े बड़े घोटालों के साथ ही तमाम सरकारी विभागों में स्थानीय स्तर पर हुए घोटाले की परत दर परत खुलती रही और भ्रष्टाचारी बेनकाब होते रहे, लेकिन इसी आरटीआई के कारण कई बार सूचना मांगने वालों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। ऐसा ही आरोप जिले के बसखारी थाना क्षेत्र में शुकुल बाजार में बसपा नेता, आरटीआई एक्टिविस्ट और व्यवसायी राम चंद्र जायसवाल की पिछले दिन गोली मारकर की गई हत्या के बाद पूर्व आईजी उदय शंकर जायसवाल ने मीडिया के सामने लगाया है।
हत्यारों के साथ प्रशासन भी सवालों के घेरे में

बसपा नेता व आरटीआई एक्टिविस्ट राम चन्द्र जायसवाल की हत्या को लेकर प्रशासन पर भी सवाल उठने लगे हैं। पुलिस हत्यारों और हत्या के वजह का खुलासा अभी भले ही न कर सकी हो, लेकिन मृतक के परिवार की सांत्वना देने पहुंचे पूर्व आईजी अधिकारी ने अपने बयानों से सनसनी जरूर फैला दी है। सेवानिवृत्त आईजी ने स्पष्ट आरोप लगाया है कि राम चन्दर जयसवाल की हत्या आरटीआई मांगने के कारणों की गई है, क्योंकि इसमें शिक्षा विभाग, तहसीलदार और अल्पसंख्यक विभाग के कुछ अधिकारियों का भ्रष्टाचार उजागर हो रहा था।
उन्होंने कहाकि राम चन्दर एक आरटीआई कार्यकर्ता के रूप में काफी सक्रिय थे और शिक्षा विभाग व राजस्व सम्बन्धी कई मामलों को लेकर आरटीआई दाखिल किया था, जिसमें लाखों रुपये का भ्रष्टाचार उजागर हो रहा था। मृतक राम चंद्र आरोप के परिवार से वार्ता करने के बाद उन्होंने स्पष्ट आरोप लगाया कि राम चन्द्र के आरटीआई मांगने से शिक्षा विभाग में तकरीबन 30 लाख रुपये का घपला सामने आ चुका है और राजस्व विभाग से मांगी गई सूचना में दो तहसीलदार आरोपो के घेरे में हैं, जिनपर सूचना आयोग ने जुर्माना भी किया था।
एक विद्यालय प्रबंधक पर है आरोप

इस हत्याकांड का आरोप शुकुल बाजार स्थित एक विद्यालय में किये गए भ्रष्टाचार में शामिल विद्यालय प्रबंधक पर लगा है, जिसमे विद्यालय के प्रबंधक समेत कई लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। पूर्व आईजी ने बताया कि विद्यालय में भ्रष्टाचार को राम चन्द्र ने आरटीआई के जरिये खुलासा किया था। उन्होंने बताया कि इस मामले में डीएम ने राजस्व अधिकारियों के खिलाफ यहां तक लिखा था कि विपक्षी को फायदा पहुंचाने के लिए कार्रवाई की गई है। यही नहीं सूचना आयोग ने दो तहसीलदारों पर जुर्माना भी लगाया था। उन्होंने कहाकि शिक्षा विभाग और अल्पसंख्यक कल्याण के मिली भगत से लाखों रुपये का घपला हुआ है ,जिसके खुलासे के डर से इनकी हत्या की गई।

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