लोकसभा चुनाव में भाजपा और शिरोमणि अकाली दल के बीच समझौता हुआ था। इस समझौते में निर्णय लिया गया था कि लोकसभा चुनाव में अकाली दल की ओर से भाजपा को बिना शर्त समर्थन दिया जाएगा, लेकिन विधानसभा चुनाव दोनों दल मिलकर लड़ेगे। तभी सीटों का बंटवारा भी हो जाएगा। भाजपा राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटें जीत गई, जबकि 90 विधानसभा सीटों में से 79 पर भाजपा को बढ़त मिली है।
राज्य में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव हैं। चुनाव में मात्र तीन माह का समय बचा है। चंडीगढ़ में हुई एक बैठक में शिरोमणि अकाली दल (बादल) की हरियाणा इकाई के पदाधिकारियों ने हाईकमान से आग्रह किया है कि वे भाजपा से कम से कम 30 सीटें मांगें, क्योंकि इन सीटों पर सिख समुदाय तथा पंजाबी समाज का अच्छा खासा हस्तक्षेप है। पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और भाजपा के बीच समझौता है। लोकसभा चुनाव में इसे हरियाणा में भी अमल में लाया गया।
अकाली दल की हरियाणा इकाई के प्रभारी बलविंदर सिंह भूंदड़ ने बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं से आग्रह किया कि भाजपा से बातचीत कर उन सीटों का ब्यौरा हासिल किया जाए, जो समझौते के आधार पर अकाली दल को दी जानी हैं। अकाली दल हरियाणा के प्रधान शरनजीत सिंह सोथा ने कहा कि 30 से ज्यादा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में अकाली दल का खासा आधार है, जिस कारण पार्टी को सम्मानजनक सीटें दी जानी चाहिएं। अकाली दल हरियाणा में अपना प्रभाव बना चुका है