इन गांवों के किसानों को मुआवजा तिजारा के ग्राम मठियाबास, पाटनखुर्द, बूबकाहेड़ा, जखोपुर, गेलपुर, हसनपुर, खिरदरपुर, भामडाका, पाटनकला, गोतोली, चावण्डीखुर्द, जगमालेहड़ी, माटाबास सहित कुल 13 गांवों को ही मुआवजा मिला है। यहां की फसल में ही 33 से 100 प्रतिशत खराबा माना है।
अब सरकारी खरीद शुरू प्रदेश भर में एक अप्रेल से सरकार के स्तर पर सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू हुई है। जबकि इससे पहले ही 60 से 70 प्रतिशत से अधिक सरसों को खेत में साहूकार ही ले आया, जिससे किसान ने कर्ज ले रखा है। वे औने-पौने दामों पर दबाव बनाकर खरीद लेते हैं। सरसों का समर्थन मूल्य 3900 रुपए प्रति क्विंटल है। इसके अलावा 100 रुपए बोनस है। बाजार में किसान ने 3200 से 3700 रुपए में ही बेची है। यह नुकसान इसलिए उठाया कि सरकारी खरीद बहुत देरी से शुरू हुई है, जिसका फायदा केवल बड़े किसानों को ही मिल सकेगा।
यहां खोले खरीद के केन्द्र जिले में राजगढ़, रामगढ़, लक्ष्मणगढ़, बानसूर, खैरथल, खेरली, बड़ौदामेव, गोविन्दगढ़, नौगांवा, किशनगढ़बास, मालाखेड़ा व तिजारा में शुरू की है। कुछ जगहों पर एफसीआई ने भी समर्थन मूल्य पर गेहूं व सरसों की खरीद शुरू की है, जिसके लिए किसान को पहले ई-मित्र पर जाकर ऑनलाइन पंजीयन कराना होता है। उसके बाद किसान को ऑनलाइन खरीद के दिन की सूचना मिलती है। फसल खरीद का पैसा सीधे खाते में ही आएगा।
तिजारा में 2562 हैक्टेयर में मुआवजा लायक खराबा माना इस बार ओलावृष्टि से बर्बाद हुई रबी की फसल का मुआवजा तिजारा क्षेत्र के केवल 4 हजार 11 किसानों को जारी हुआ है। एक किसान को औसतन 7 हजार 918 रुपए का मुआवजा मिलेगा। सभी 4 हजार 11 किसानों को 319 लाख रुपए का मुआवजा सरकार से जारी हो चुका है। तिजारा में केवल 2562 हैक्टेयर में मुआवजा लायक खराबा माना है, जबकि खराबा इससे भी अधिक क्षेत्र में हुआ है।