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अलवर के वो चार चेहरे, जिन्होंने भाजपा व कांग्रेस को पछाड़ा और दोनों पार्टियों का खेल बिगाड़ा

locationअलवरPublished: Dec 12, 2018 04:35:18 pm

Submitted by:

Hiren Joshi

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Two Candidates Of Bsp And Two Independent Candidates Won In Alwar

अलवर के वो चार चेहरे, जिन्होंने भाजपा व कांग्रेस को पछाड़ा और दोनों पार्टियों का खेल बिगाड़ा

लुभावन जोशी

अलवर. राजस्थान विधानसभा चुनावों के नतीजे आ गए हैं, Exit Pole जो दिखा रहे थे नतीजे भी लगभग वैसे ही आए हैं। कांग्रेस की सरकार बन गई है। लेकिन अलवर जिले में कांग्रेस उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई। कांग्रेस को केवल चार सीटें ही मिली, वहीं भाजपा का प्रदर्शन भी जिले में अच्छा नहीं रहा, भाजपा जिले में 9 से 2 सीटों पर आ गई। जिले में इन दोनों पार्टियों के कमजोर प्रदर्शन की वजह है वो चार सीटें जहां इन दोनों पार्टियों के प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत सके। किशनगढ़बास, थानागाजी, तिजारा और बहरोड़। इन चारों सीटों पर इससे पहले भाजपा के विधायक थे, लेकिन यहां कि जनता ने इन सीटों पर कांग्रेस को भी नहीं जिताया। जिताया उन चेहरों को जो निर्दलीय या बसपा से लड़े।
तिजारा से संदीप यादव की जीत

तिजारा से बसपा के संदीप यादव विधायक बन गए हैं। यहां उन्होंने भाजपा के संदीप दायमा, कांग्रेस के दुर्रुमियां को हराया। वहीं यहां सपा से फजल हुसैन भी चुनाव लड़ रहे थे, जिन्होंने 2013 के चुनाव में कांग्रेस के दुर्रमियां से अधिक वोट लेकर सबको चौंका दिया था। संदीप यादव पहले भाजपा सरकार में उपमंत्री थे। वे तिजारा से टिकट का दावा पेश कर रहे थे। लेकिन भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो बसपा का हाथ थामा और चुनाव जीत गए। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी दुर्रुमियां को 4 हजार 457 वोटों से हरा दिया।
किशनगढ़बास से दीपचंद खैरिया विजेता

दीपचंद खैरिया ने किशनगढ़बास सीट से चुनाव जीता है। उन्होंने यहां से विधायक रामहेत यादव व सांसद डॉ. करण सिंह यादव को हरा दिया। किशनगढ़बास में कांग्रेस ने जो फार्मूला बनाया, उसे दीपचंद खैरिया ने फेल कर दिया। पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो बागी लड़े, बसपा की पतवार थामी और खुद को साबित किया। दीपचंद खैरिया ने रामहेत यादव को यहां 9916 वोटों से हरा दिया। दीपचंद खैरिया पहले कांग्रेस पार्टी में किशनगढ़बास से लगातार दो बार चुनाव हारे। लेकिन उन्होंने पार्टी बदली तो उनकी किस्मत भी बदल गई और वे जीत गए।
थानागाजी के अब कांतिप्रसाद विधायक

निर्दलीय कांतिप्रसाद मीणा अब थानागाजी के नए विधायक हैं। उन्होंने यहां से पूर्व केबिनेट मंत्री हेमसिंह भडाना को 29 हजार 350 वोटों के बड़े अंतर से हराया है। कांति मीणा पहले भी थानागाजी के विधायक रह चुके हैं। उन्होंने चुनाव से पूर्व भाजपा व कांग्रेस दोनों पार्टियों से टिकट मांगा था, लेकिन टिकट नहीं मिलने के बाद वे निर्दलीय चुनाव लड़े और जीत गए। उन्होंने यहां भाजपा, कांग्रेस के साथ केबिनेट मंत्री रहे हेमसिंह भडाना को हराकर सबको चौंका दिया है।
बलजीत यादव ने जीता बहरोड़

निर्दलीय प्रत्याशी बलजीत यादव ने अपना बल दिखाते हुए बहरोड़ से चुनाव जीत लिया है। बलजीत यादव ने 3 हजार 836 वोटों से कांग्रेस के आरसी यादव व पूर्व केबिनेट मंत्री के पुत्र मोहित यादव को हरा दिया। बलजीत यादव ने 2013 में भी निर्दलीय चुनाव लड़ा था और वे दूसरे स्थान पर रहे थे। इसके बाद वे कांग्रेस में शामिल हो गए, लेकिन टिकट नहीं मिलने के बाद बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत गए।
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