भटकती आत्मा की शांति के लिए तांत्रिक क्रिया
प्राप्त जानकारी अनुसार भीलवाड़ा जिले के एक गांव के रहने वाले युवक की करीब 20 वर्ष पूर्व बहरोड़ में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। जिसके बाद कुछ तांत्रिकों ने मृतक युवक के परिवार के सदस्यों पर उसकी आत्मा की शांति व आत्मा से छुटकारा दिलाने के लिए अस्पताल में तांत्रिक क्रिया करने की बात कही। जिस पर भीलवाड़ा जिला मुख्यालय से करीब 15 से 20 किलोमीटर दूर रहने वाले मृतक के परिजन तीन गाड़ियों में सवार होकर जिला अस्पताल बहरोड़ में पहुँचे।
जहाँ पर तीन अस्पताल सन्चालित देख कर तांत्रिकों ने कोई तांत्रिक क्रिया नहीं की ओर जैसे ही अस्पताल में मरीजो व अन्य लोगों की आवाजाही लगभग न के बराबर रह गई। उसके बाद दोपहर दो बजे से साढ़े तीन बजे के बीच करीब एक घन्टे तक तांत्रिक क्रिया करते रहे। लेकिन इस दौरान अस्पताल स्टाफ से लेकर अन्य लोग आसपास तमाशा बिन बनकर खड़े रहे और अस्पताल परिसर में चल रहे तांत्रिक क्रिया को लेकर किसी ने पुलिस तक को शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटाई।
पूर्व में भी हो चुकी है इस तरह की घटनाएं
जिला अस्पताल परिसर में पूर्व में भी आत्माओं से छुटकारा दिलाने व उनकी शांति के नाम पर पूर्व में भी अनेक बार तांत्रिक क्रियाएं हो चुकी है। ये घटना 4 मई की बताई जा रहे है।
पूरे मामले में PMO ने क्या कहा ?
वहीं इस पूरे मामले में पीएमओ जिला अस्पताल बहरोड़ डॉ सत्यवीर यादव ने कहा कि शनिवार को मैं छुट्टी पर था और अस्पताल परिसर में किसी तरह की कोई तांत्रिक क्रिया किये जाने की अस्पताल में ड्यूटी पर कार्यरत स्टाफ ने कोई जानकारी नही दी है। अगर ऐसी कोई घटना हुई है तो ड्यूटी पर कार्यरत स्टाफ के खिलाफ सूचना नहीं देने को लेकर कार्रवाई की जाएगी।