अलवर जिले से सीधे तौर पर राज्य सरकार में हेम सिंह भड़ाना व डॉ. जसवंत सिंह यादव केबिनेट मंत्री हैं। डॉ. रोहिताश्व शर्मा को केबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है। इनके अलावा जयपुर ग्रामीण संसदीय क्षेत्र में भी बानसूर विधानसभा क्षेत्र आता है। वहां के सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ केन्द्र सरकार में खेल राज्य मंत्री हैं। यही नहीं अलवर के प्रभारी मंत्री गजेन्द्र खींवसर खुद राज्य सरकार में खेल मंत्री हैं। इसके बावजूद एशिया खेलों में पदक विजेता खिलाड़ी कंकरों के ट्रैक पर दौडऩे को मजबूर हैं। जब केन्द्र व राज्य सरकार ने इन नेताओं को खेल मंत्री बनाया तो सबसे अधिक खुशी एथलेटिक्स खिलाडिय़ों को हुई थी। सबको उम्मीद थी कि अब अलवर जिले में सिंथेटिक ट्रैक बन जाएगा। सरकार का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है। अभी तक कोई घोषणा भी नहीं हो सकी। जिसके कारण यह खिलाड़ी अब निराश भी हैं।
अब चूरू में बन रहा सिंथेटिक ट्रैक अब चूरू जैसे जिले में सिंथेटिक ट्रैक बनाया जा रहा है। जिससे खिलाड़ी निराश नहीं हैं बल्कि उनका यह कहना है कि जहां एथलेटिक्स की संभावनाएं अपार हैं वहां के खिलाडिय़ों को केन्द्र व राज्य सरकारें महत्व नहीं दे रही हैं। अकेले राजर्षि कॉलेज में करीब 300 से अधिक खिलाड़ी अभ्यास करते हैं। वह भी अन्तर राष्ट्रीय एथलेटिक्स कोच सबल प्रताप सिंह के निर्देशन में। रतीराम सैनी, धारा यादव, विश्राम जैसे कई अच्छे खिलाड़ी इस कंकरनुमा ट्रैक से निकल चुके हैं। उनका कहना है कि अब भी यहां सिंथेटिक ट्रैक बना दिया जाए तो दो साल में अलवर के खिलाड़ी सरकार की झोली में बड़ा पदक लाकर देने का दमखम रखते हैं।
सच में जरूरत अलवर में सिंथेटिक ट्रैक की जरूरत है जिस पर अभ्यास करने से खिलाडि़यों को वैसा ही माहौल मिल सकेगा जैसा बड़े स्तर की प्रतियोगिताओं के दौरान मिलता है। बिना सिंथेटिक ट्रैक के खिलाडि़यों में उतना उत्साह नहीं रहता जितना होना चाहिए।
सबल प्रताप सिंह, अन्तरराष्ट्रीय कोच अलवर
सबल प्रताप सिंह, अन्तरराष्ट्रीय कोच अलवर