स्कूलों में पढ़ाई ही नहीं सीखेंगे चित्रकला ओर सीए बनना
अलवरPublished: Apr 20, 2019 12:44:15 pm
स्कूलों में पढ़ाई ही नहीं सीखेंगे चित्रकला ओर सीए बननाअलवर. केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से सम्बद्ध विद्यालयों की कक्षा दसवीं में स्किल से जुड़ा विषय पढ़ाया जाएगा।
स्कूलों में पढ़ाई ही नहीं सीखेंगे चित्रकला ओर सीए बनना
स्कूलों में पढ़ाई ही नहीं सीखेंगे चित्रकला ओर सीए बनना
अलवर. केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से सम्बद्ध विद्यालयों की कक्षा दसवीं में स्किल से जुड़ा विषय पढ़ाया जाएगा। खास बात यह है कि पिछले कई वर्षों में जहां कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों को पहले पांच विषय लेने होते थे, वहीं अब नए सत्र से वे पांच नहीं ६ विषयों का अध्ययन करेंगे। साथ ही उनका परिणाम भी इन छह विषयों के अंकों से जोड़ा जाएगा।एक विषय को चुनना अनिवार्य-नए शिक्षा सत्र से कक्षा दसवीं के विद्यार्थी को स्किल का एक विषय चुनना आवश्यक होगा। इसमें फाइनेंशियल मार्केट मैनेजमेंट, आईटी, एग्रीकल्चर, बैंकिंग, बीमा आदि १६ विषय शामिल किए गए हैं। इससे विद्यार्थी को अंकों में भी फायदा होगा। बहुत से विद्यार्थी मुख्य विषयों गणित, विज्ञाान और सामाजिक अध्ययन में से यदि किसी एक विषय में फेल हो जाते हैं तो स्किल में हासिल किए गए अंकों के कारण वह फेल नहीं हो सकेगा। यह बाद में कक्षा ८ वीं और ९ वीं में भी जोड़ा जाएगा। देश के २० हजार ९०० स्कूलो में प्रथम चरण में यह विषय सीबीएसई के स्कूलों में जोड़ा जाएगा। इस बारे में सेंट एंसलम स्कूल के प्रिंसीपल जेम्स टीएम का कहना है कि बोर्ड की ओर से यह बेहतर प्रयास है। इससे बच्चों पर पढ़ाई का बोझ कम होगा। यह जरूरी नहीं है कि कक्षा दसवीं के बाद विद्यार्थी इंजीनियर या डाक्टर ही बने। वर्तमान में रोजगार और काम को ट्रेंड बदल गया है। इसके लिए आवश्यक है कि विद्यार्थी में स्किल डवलपमेंट हो। यह स्किल डवलपमेंट का शानदार काम है।इसी प्रकार शिक्षाविद् मुकेश शर्मा ने बताया कि जब भी बेहतर कॅरियर की बात करते हैं तो स्किल डवलपमेंट आवश्यक है। बिना स्किल डवलपमेंट के मात्र पढ़ाई से काम नहीं चल सकता है। बोर्ड की ओर से यह अच्छा प्रयास किया गया है जिससे विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। शिक्षाविद् अंजना सहाय के अनुसार सीबीएसई के विद्यालयों में कक्षा १० वीं के विद्यार्थियों के लिए स्किल डवलपमेंट के कोर्स प्रारम्भ करने से एक नई शुरूआत होगी। यह कक्षा ९ वीं से सभी स्कूलों में किया जाना चाहिए।