पिता की मूर्ति पर जाकर आशीष लिया बेटी और दामाद ने
दरअसल अलवर जिले के राजगढ़ उपखंड के दुब्बी गांव में अमर शहीद राकेश मीणा की बेटी सारिका की शादी का आयोजन था। राकेश मीणा साल 2010 में शहीद हो गए थे, वे सीआरपीएफ में थे। राकेश मीणा की चार बेटियां हैं। शादी के बारे में जब राकेश मीणा के साथियों को पता चला तो इसकी सूचना सीआरपीएफ के अफसरों को दी गई। उसके बाद सीआरपीएफ के विशेष कोष से सारिका को एक लाख पचास हजार रुपए कैश की मदद दी गई। इसके अलावा साथियों में से किसी ने टीवी, फ्रीज, वॉशिंग मशीन, मिक्सर और भी काफी सारे उपहार दिए और साथ ही 21 हजार का कन्यादान दिया।
नम हो गई ग्रामीणों और मेहमानों की आंखे
अधिकारियों के साथ ही स्थानीय पुलिस के अधिकारी भी मौजूद रहे। सीआरपीएफ के जवानों ने विदाई के दौरान भाई का फर्ज निभाया। चुनरी ओढ़ाकर भाई की तरह बहन को मंडप तक लाया गया। इस दौरान वहां काफी संख्या में मौजूद ग्रामीणों और मेहमानों की आखें नम हो गईं। शादी 23 अप्रेल को हुई। इसकी फोटोज अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। लोग आर्मी के पक्ष में जमकर कमेंट्स कर रहे हैं।