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गुपचुप तरीके से हो रही पटाखों की बिक्री, अलवर शहर में जल रहा कचरा फैला रहा प्रदूषण

locationअलवरPublished: Oct 18, 2017 07:14:40 am

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद ईंट-भट्टे तो बंद हो गए, लेकिन औद्योगिक इकाइयों की चिमनियों का धुंआ उगलना कम नहीं हुआ है।

अलवर.

दिल्ली सहित एनसीआर क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण में कमी के लिए एनसीआर क्षेत्र में पटाखों की बिक्री पर तो रोक लगा दी, लेकिन अब भी अलवर सहित एनसीआर में पटाखों की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है। वहीं, दूसरी ओर नेशनल ट्रिब्यूनल के आदेशों के बावजूद सड़क किनारे कचरा जलाया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद ईंट-भट्टे तो बंद हो गए, लेकिन औद्योगिक इकाइयों की चिमनियों का धुंआ उगलना कम नहीं हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट की 31 अक्टूबर तक एनसीआर क्षेत्र में पटाखों की बिक्री पर रोक के बावजूद अलवर जिले में बड़े पैमाने पर पटाखों की बिक्री हो रही है। दरअसल, ज्यादातर पटाखा विक्रेताओं ने रोक से पहले ही आतिशबाजी की खरीद कर ली। अब बिक्री पर प्रतिबंध के बाद वे गुपचुप तरीके से पटाखे बेच रहे हैं। वही, कुछ विके्रताओं ने अपने पटाखों को एनसीआर से बाहर दूसरे जिलों में भेजना शुरू कर दिया है।
अलवर की बात करें तो शहर में रोक के बावजूद अब भी पटाखे बिक रहे हैं। वहीं, बाजार में बिक्री के लिए चायनीज पटाखे भी आए हैं, जिनका बिक्री भी जोरों पर है। उधर, पटाखा विक्रेताओं की मानें तो दीपावली पर बिक्री के लिए वे लाखों रुपए के पटाखों की खरीद कर चुके हैं। अब एकाएक सरकार ने अस्थायी लाइसेंसों को निरस्त कर पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया। ऐसे में उनके पटाखे गोदामों में धरे रह गए।
बिक्री का बदला ट्रेंड

पटाखों की बिक्री पर रोक के बाद पटाखा विक्रेताओं ने इनकी बिक्री का ट्रेंड बदल दिया है। अब वे दुकान-दुकान पटाखे बेचने की जगह होम डिलीवरी सर्विस देने लगे हैं। वे एसएमएस से पटाखों का आर्डर ले रहे हैं और उन्हें आकर्षक पैक कर लोगों के घरों तक पहुंचा रहे हैं।
कचरा पात्रों में जल रहा कचरा

नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल के आदेशों के बावजूद अलवर शहर में कचरा जलाया जा रहा है। कचरा पात्रों में भी कचरा जल रहा है और बाहर सड़क पर भी। जबकि एनजीटी के साफ आदेश हैं कि कचरा किसी भी कीमत पर जलाया नहीं जा सकता। प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट हाल में एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर भी रोक लगाई है। जबकि अलवर जिला पूरा एनसीआर में होने के बावजूद यहां कचरा खुले आम जल रहा है। प्रशासन का इस ओर ध्यान नही है।
नए कचरा पात्र लगाए, उनमें भी जल रहा

नगर परिषद ने हाल में नए कचरा पात्र लगाए हैं। उनमें पड़े कचरे को भी जलाया जा रहा है। एेसा इसलिए हो रहा है कि कचरा समय नहीं उठ रहा। पड़ा-पड़ा सड़कर सूख जाता है। उसके बाद कभी गलती से तो कभी लोग परेशान होकर कचरे को जला देते हैं, जिसकी शिकायतें भी खूब नगर परिषद प्रशासन के पहुंचती हैं।
पुलिस ने मुखबिर तंत्र किया मजबूत

जिले में पटाखों की बिक्री रोकने के लिए पुलिस व प्रशासन अलर्ट हो गया है। इसके लिए पुलिस ने अपने मुखबिर तंत्र को भी मजबूत किया है। सभी थाना प्रभारियों एवं पुलिसकर्मियों को अपने-अपने क्षेत्र में पटाखों की बिक्री पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस शहर सहित जिले में पटाखा विके्रताओं की सूची भी बना रही है।
पटाखों के बिना फीकी रहेगी दिवाली

उधर, पटाखों पर रोक से इस बार दीपावली की रौनक फीकी रह सकती है। लोगों को इस बार पटाखों का शोर सुनने को नहीं मिलेगा। लोगों के अनुसार दीपावली पर पटाखे फोडऩे का सबसे ज्यादा के्रज बच्चों में रहता था, लेकिन इस बार पटाखों पर रोक से बच्चों को मायूस रहना पड़ेगा।
परिषद के खुद के आदेश

सुप्रीम कोर्ट के पटाखों को लेकर आए आदेश के बाद अलवर नगर परिषद प्रशासन ने भी पटाखे व कचरा जलाने पर पूरी तह रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं। इसके बावूजद शहर में कचरा खुले आम जल रहा है। एक नहीं अनेक जगहों पर एेसा देखने को मिलता है। दो दिन पहले बरफ खाना रोड पर कचरा पात्र में ही कचरा जल रहा था। रविवार को अल्कापुरी के पास कचरा जलता रहा। अम्बेडकर नगर रोड पर आए दिन कचरा जलता है। यह सब प्रशासने के सामने होने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई और परिणाम सामने नहीं आते हैं। जबकि कई बार लोक अदालत ने भी नगर परिषद को फटकार लगाई है।
सुप्रीम कोर्ट की पटाखों पर रोक के आदेशों की पालना कराई जाएगी। इसके लिए सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं।
राहुल प्रकाश, जिला पुलिस अधीक्षक अलवर

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