अलवर शहर ही नहीं जिले भर में लोगों में भगवान जगन्नाथ की ऐतिहासिक रथयात्रा में शामिल होने एवं इन्द्रविमान में सवार भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने की उत्सुकता है। लोग इस पल के साक्षी बनने के लिए उस ऐतिहासिक दिन का इंतजार कर रहे हैं। वहीं रथयात्रा को लेकर प्रशासन के जिम्मेदार विभाग अब तक टालमटोली का रवैया अपनाए हुए हैं। रथयात्रा से चार दिन पहले जिम्मेदार विभाग के कारिंदे सडक़ों पर पेचवर्क करने निकले हैं। पेचवर्क भी ऐसा कि रथयात्रा से पहले फिर बारिश हुई तो उनका बहना तय है।
रथखाना से रूपबास मंदिर तक जोखिम ही जोखिम भगवान जगन्नाथ का इंद्रविमान सहित अन्य रथ अभी रथखाना में हैं। महलचौक परिसर स्थित रथखाना के बाहर ही इन दिनों सडक़ खुदी पड़ी है। ऐसी स्थिति में यहां से रथों को पुराना कटला स्थित जगन्नाथ मंदिर पहुंचाना ही मुश्किल हो रहा है। इसमें जोखिम यह है कि रथ पुराने हैं और सडक़ों की उबडख़ाबड़ हालत में रथ के क्षतिग्रस्त होने की आशंका है। वहीं रथयात्रा मार्ग में कम्पनी बाग के पास, नंगली चौराहा से एसएमडी चौराहा, मोती डूंगरी मार्ग पर सडक़ों की हालत अब भी दयनीय है। सडक़ों पर बड़े-बड़े गड्ढे रथयात्रा के लिए जोखिम भरे साबित हो सकते हैं।
रथयात्रा पर भी जगह-जगह भरता है मेला भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के दौरान होपसर्कस, नंगली चौराहा, एसएमडी चौराहा, मालवीय नगर सहित अनेक स्थानों पर मेले का दृश्य बन जाता है। ऐसे में यहां सडक़ों पर गड्ढे व रोडे दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। रथयात्रा के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु रथयात्रा के दर्शनार्थ यहां पहुंचते हैं।
आज बाहर निकलेंगे रथ भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में काम आने वाले चारों रथों को मंगलवार को रथखाने से बाहर निकाला जाएगा । महल चौक, सब्जी मंडी में रखे बडे़ रथों के बाहर निकलने में परेशानी आ सकती है क्योंकि महल चौक का मार्ग खराब हालात में हैं। इधर, बाजार में भी सडक़ें खराब स्थिति में हैं। कुछ मिनट का सफर कुछ घंटों तक का हो सकता है। इसके बाद रथों की मरम्मत व सजावट का काम शुरु होगा।