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रोड पर आमजन का वजूद खत्म हो रहा

locationअलवरPublished: Sep 11, 2019 09:49:29 pm

Submitted by:

Dharmendra Yadav

road encroachment मुख्य रोड पर अस्पताल चला रहे, पैदल चलने की जगह अतिक्रमण, रोड पर भी वाहन खड़े कर अवैध कब्जा
 

रोड पर आमजन का वजूद खत्म हो रहा

रोड पर आमजन का वजूद खत्म हो रहा

अलवर.

शहर के कुछ निजी अस्पतालों ने अवैध रूप से रोड पर भी कब्जा कर लिया और जनता के पैदल चलने के फुटपाथ को रोक दिया। यहां के हालात देखकर लगता है कि पूरा प्रशासन इनके आगे साइड हो गया और आमजन का वजूद खत्म हो गया है। रोड पर अस्पताल चला रहे हैं। पैदल जाने वालों की जगह वाहन खड़ कर दिए। प्रशासन के अधिकारी यहां से आंख मूंद कर निकल जाते हैं। ऐसा अड़ंगा किसी गरीब ठेले वाले का हो तो तनिक देर नहीं लगे पूरा सामान समेट कर ले जाने में।
नंगली सर्किल से कम्पनी बाग की तरफ करीब 150 मीटर रोड पर अवैध रूप से सडक़ पर वाहन जमे रहते हैं। सोलंकी अस्पताल के सामने तो दिनभर जाम जैसे हाल रहते हैं। जबकि इस रोड से दिन में कई बार जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक निकलते हैं। फिर भी यह हाल कायम है। हालात ये हैं कि प्रशासन के अधिकारियों के वाहन भी साइड होकर निकल जाते हैं। जबकि कई बार ऐसा हुआ है यहां ठेले व रेहडी वाले अधिक दिखते हैं तो प्रशासन तुरंत उनका सामान जब्त कर कार्रवाई करता है।
ये देखिए रोड कहां बची

अम्बेडकर सर्किल के निकट सेठी हॉस्पिटल मुख्य रोड पर है। भवन के आगे कोई पार्र्किंग की जगह नहीं है। अन्दर की तरफ भी नहीं है। अस्पताल आने वाले अधिकतर वाहन सडक़ की जगह खड़े होते हैं। यहां के हालात ये हैं कि मुख्य रोड की सफेद पट्टी के बाहर तक वाहन खड़े होते हैं। पैदल जाने वालों को जगह नहीं मिलती है। पैदल भी कोई निकलता है तो उसे रोड के बीच में से होकर जाना पड़ता है। जिससे दुर्घटना होने का डर है। यहां पूरा रोड कब्जे में है। जबकि इस रोड पर टै्रफिक का अधिक दबाव रहता है। बाजारों में जाने वाले वाहन व आमजन यहां से निकलते हैं। कलक्ट्रेट
जाने का यही प्रमुख रोड है।

आधा शहर निकलता इस रोड से

शहर के भगत सिंह सर्किल से बहरोड़ रोड की तरफ स्कीम एक, स्कीम दो, स्कीम दस, वीरसावरकर नगर, बुध विहार, हसन खां, शिवाजी पार्क, राठ नगर, तिजारा फाटक, टेल्को चौराहा, सेना कार्यालया एरोड्रम रोड सहित बहरोड़, बानसूर, खैरथल जाने वाले हजारों लोग दिन में निकलते हैं। इतना व्यस्ततम रोड होने के बावजूद जिम्मेदार यूआईटी के अधिकारी चुप हैं। इसी जगह कोई ठेले या रेहड़ी वाले होते तो शिकायत पर कार्रवाई हो जाती। लेकिन, अब कार्रवाई करने से कतरा रहे हैं।

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