सदर थानाधिकारी रामनिवास मीणा ने बताया कि मालाखेड़ा क्षेत्र के अलाहपुर गांव निवासी सुनील पुत्र ऋषिराज खत्री पिछले कई साल से घर से लापता है। उसके नाम करीब 30 लाख रुपए की एलआईसी पॉलिसी हैं। जिसका नॉमिनी उसका बड़ा भाई अनिल खत्री है। छोटे भाई की 30 लाख रुपए की इस मिलकियत व दुर्घटना क्लेम के 60 लाख रुपए पाने के लिए अनिल खत्री ने अपने चचेरे भाई पवन खत्री और साथी याकूब उर्फ अक्का के साथ मिलकर षड्यंत्र रचा कि किसी अन्य व्यक्ति की हत्या कर उसे सुनील घोषित कर सडक़ हादसा दिखा देंगे और फिर एलआईसी पॉलिसी और दुर्घटना क्लेम राशि ले लेंगे। तीनों आरोपित 29 सितम्बर की दोपहर अपने परिचित मालाखेड़ा के सालपुर निवासी रामकेश (23) पुत्र राजू योगी को अलवर के बस स्टैण्ड रोड स्थित एक ढाबे से गाड़ी में बैठाकर साथ ले गए।
पहले उन्होंने रामकेश को थानागाजी और सरिस्का घुमाया और नशा कराया। जब रामकेश काफी नशे में हो गया तो रात के अंधेरे में सिलीसेढ़ के श्योदानपुरा के समीप तीनों ने पहले रामकेश के साथ बेरहमी से मारपीट की। उसके बाद रामकेश को बोलेरो गाड़ी से कुचल दिया। जब रामकेश अधमरा हो गया तो उसकी जेब में सुनील खत्री का पहचान पत्र रख दिया। जिससे कि पुलिस रामकेश के शव को सुनील खत्री शव और हत्या को सडक़ हादसा समझे। इसके बाद मौके से फरार हो गए। प्रकरण में पुलिस ने मालाखेड़ा के अलाहपुर निवासी अनिल (29) पुत्र ऋषिराज खत्री और उसके चचेरे भाई पवन (32) पुत्र बिलोरी खत्री को गिरफ्तार कर लिया है। तीसरे आरोपित गांव टोडियार निवासी याकूब उर्फ अक्का की तलाश जारी है।
यह था प्रकरण सदर थाना क्षेत्र के श्योदानपुरा के समीप 29 सितम्बर की रात युवक रामकेश गंभीर घायल अवस्था में पड़ा मिला। पुलिस ने उसे अलवर सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया। जहां से उसे जयपुर रैफर कर दिया। जयपुर ले जाते समय रास्ते में रामकेश की मौत हो गई। मृतक की जेब में एक पहचान पत्र मिला। जिसके आधार पर पुलिस ने उसकी पहचान अलाहपुर निवासी सुनील खत्री के रूप में की। पुलिस ने 30 सितम्बर को राजगढ़ अस्पताल में पोस्टमार्टम करा रामकेश के शव को सुनील के भाई अनिल खत्री को सौंप दिया था।