रामगढ़ में विधानसभा चुनाव 28 जनवरी को होने हैं, इसके लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो गई। प्रत्याशियों के नाम वापसी का कार्य सोमवार दोपहर 3 बजे पूरा हो गया। बाद में रिटर्निंग अधिकारी ने प्रत्याशियों को चुनाव चिह्नों का आवंटन किया। उल्लेखनीय है कि रामगढ़ में विधानसभा चुनाव के दौरान बसपा प्रत्याशी का आकस्मिक निधन हो गया था। इस कारण चुनाव आयोग ने रामगढ़ में विधानसभा स्थगित कर दिए थे। अब चुनाव आयोग ने फिर से रामगढ़ में 28 जनवरी को चुनाव कराने का निर्णय किया है। इसमें केवल बसपा प्रत्याशी का ही नामांकन लिया गया है। बसपा की ओर से पूर्व विधायक जगतसिंह ने नामांकन दाखिल किया, जो कि जांच में सही पाया गया। इस कारण चुनाव में पूर्व की तरह 20 उम्मीदवार चुनाव मैदान में बचे हैं।
त्रिकोणीय चुनावी मुकाबले के आसार रामगढ़ में इस बार त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं, इनमें कांग्रेस, भाजपा व बसपा के बीच मुख्य मुकाबला रहने की संभावना जताई जा रही है। तीनों ही दलों की ओर से क्षेत्र में चुनाव प्रचार तेज कर दिया गया है।
ये प्रत्याशी बचे चुनाव मैदान में बसपा से जगतसिंह, भाजपा से सुखवंतसिंह, कांग्रेस से सफिया खान,शिवसेना से रघुवीर सैनी, नया भारत पार्टी से गिर्राज मीणा, बहुजन संघर्ष दल से दिनेश कुमार, भारत वाहिनी पार्टी से हरिश अरोडा, आप पार्टी से विश्वेन्द्रसिंह, एपीओआई से मीनू कुमारी एवं राजेशसिंह, राजेन्द्र, तेजपाल, भोलानाथ, सत्यनारायण, हरमिन्दरसिंह, विमल जैन, इस्लाम खान, हुकमसिंह, सत्यनारायण व हरिसिह निर्दलीय प्रत्याशी हैं।
लोकसभा चुनाव की झलक दिखेगी रामगढ़ के परिणाम में रामगढ़ में विधानसभा चुनाव के परिणाम में आगामी लोकसभा चुनाव की झलक दिखाई पडऩे की संभावना है। कारण है कि लोकसभा चुनाव से ऐन पहले रामगढ़ में चुनाव हो रहे हैं। इस चुनाव के परिणाम एक ओर राज्य सरकार का रिपोर्ट कार्ड होंगे, वहीं विधानसभा चुनाव बाद भाजपा के वोटों के ग्राफ का भी आंकलन होगा। साथ ही बसपा के लोकसभा चुनाव के रोल को भी दर्शाएंगे। यानि रामगढ़ चुनाव के परिणाम में लोकसभा चुनाव के नतीजों की झलक दिखाई पडऩे की संभावना है।