चुनाव में प्रत्याशियों की ओर से वोटों का गणित बैठाने के लिए ‘साम दाम दण्ड भेद’ की नीति अपनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। प्रत्याशियों द्वारा चुनाव में जमकर पैसा खर्च किया जाता है। जिसके लिए नोटों की मोटी खेप भी इधर से उधर सप्लाई की जाती है। कच्ची बस्ती व पिछले इलाकों में वोटरों और कार्यकर्ताओं को खूब शराब बांटी जाती है। वहीं, लोगों को धराने-धमकाने के लिए गुंडे-बदमाशों का सहारा भी किया जाता है। चुनाव में अवैध हथियारों और शराब की पूर्ति करने के लिए कई अवैध कारोबारी सक्रिय हो जाते हैं, जो दिल्ली, हरियाणा और उत्तरप्रदेश सहित अन्य राज्यों से अवैध हथियार और शराब की तस्करी कर यहां उपलब्ध कराते हैं। इसके अलावा स्थानीय इलाकों में तैयार होने वाली अवैध हथियार और शराब की सप्लाई भी करते हैं।
आबकारी ने पांच अस्थाई चौकियां बनाई चुनाव में शराब की तस्करी रोकने के लिए आबकारी विभाग ने जिले में विभिन्न स्थानों पर पांच अस्थाई चौकियां बनाई है। शाहजहांपुर और महुआ में आबकारी स्थायी चौकियां हैं। इसके अलावा जिले के सीमावर्ती इलाके भगवाड़ी (नारनौल रोड), बीरनबास (कोटकासिम), आकेड़ा मोड़ (भिवाड़ी), गादोज (बहरोड़) और नौगांवा में हाल ही अस्थायी चौकियां स्थापित की हैं। प्रत्येक चौकी पर पांच कांस्टेबल और एक हैडकांस्टेबल का जाप्ता लगाया गया है।
पुलिस ने बॉर्डर इलाकों की चौकसी बढ़ाई चुनाव में अवैध शराब व हथियारों की तस्करी व नकदी की खेप सप्लाई को लेकर पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है। इनकी रोकथाम के लिए जिला पुलिस बहरोड़, नीमराणा, भिवाड़ी, तिजारा, किशनगढ़बास, रामगढ़, नौगांवा व अलवर-नगर रोड के बॉर्डर इलाकों में चौकसी बढ़ा दी है, ताकि दिल्ली, हरियाणा व यूपी आदि से अवैध शराब व हथियारों की तस्करी रोकी जा सके।
शराब तस्करों पर नजर विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शराब तस्करों पर विशेष नजर रखी जा रही है। अवैध शराब की तस्करी को रोकने के लिए जिले में भगवाड़ी, बीरनबास, आकेड़ा मोड़, गादोज व नौगांवा में अस्थायी चौकी स्थापित की गई हैं। वहीं, शाहजहांपुर और महुआ में स्थायी चौकी हैं। इनके माध्यम से विशेष चैकिंग की जा रही है।
– अंजू ओमप्रकाश, जिला आबकारी अधिकारी, अलवर।
अधिकारियों को निर्देश दिए चुनाव में अवैध नकदी, शराब और हथियारों की सप्लाई की रोकथाम के लिए जिले के सभी एएसपी, डीएसपी और थानाधिकारियों को विशेष निर्देश दिए गए हैं। बॉर्डर इलाकों में चौकसी बढ़ाई गई है। साथ ही पड़ोसी राज्यों की पुलिस से भी समन्वय स्थापित कर शराब और हथियारों की तस्करी रोकने के प्रयास जारी हैं।
– राजेन्द्र सिंह, जिला पुलिस अधीक्षक, अलवर।