दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय से देर रात तक छन-छन कर आती रही सूचनाओं के अनुसार अलवर ग्रामीण से जिलाध्यक्ष टीकाराम जूली, बानसूर से विधायक शंकुतला रावत, मुण्डावर से सांसद करणसिंह यादव, राजगढ़—लक्ष्मणगढ़ से जौहरीलाल मीणा, तिजारा से दुरुमिंया के नामों पर लगभग सहमति बनने की बात बताई गई। वहीं दूसरी तरफ अलवर शहर, बहरोड़, किशनगढ़बास और रामगढ़ में सर्व सम्मत प्रत्याशी को लेकर अभी भी पेच फंसा होने की चर्चा रही। रामगढ़ में पार्टी की तरफ साफिया खान के नाम को आगे किए जाने की चर्चा रही। लेकिन इस सीट पर अंतिम निर्णय नहीं होने की चर्चा आम रही। किशनगढ़बास में समझौते का पेच फंसने के कारण इस सीट पर प्रत्याशी का निर्णय कांग्रेस आलाकमान के फैसले के बाद होने की बात कही जा रही है। प्रदेश में कांग्रेस किसी दल से समझौता करेगी या नहीं इस पर भी अभी एक राय नहीं बनने की चर्चा रही।
जिले भर में यह भी चर्चा रही कि बहरोड़ सीट पर दो यादव प्रत्याशियों के बीच में से फैसला होना है। इस सीट पर कांग्रेस के प्रदेश नेता अपने—अपने हिसाब से टिकट दिलाने के लिए जोर लगा रहे है। जिले की सबसे हॉट सीट अलवर शहर में पार्टी की तरफ से पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह के परिवार के किसी सदस्य को मैदान में उतारे जाने पर सहमति बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। यदि ऐसा नहीं होता है पार्टी की तरफ से इस सीट पर दो प्रत्याशियों के नाम पर चर्चा की जाएगी। इसमें से एक प्रत्याशी वैश्य और दूसरा ओबीसी समाज से आते है। उधर, कठूमर में भी प्रत्याशी के नाम पर अभी पूरी तरह सहमति नहीं बन पाई है। यहां दो बार हारने की गाइड लाइन का पेच फंसा है। वहीं थानागाजी में एक पुराने ब्राह्मण नेता के नाम पर सर्वसम्मति बन चुकी है।
रात तक रहा सूची का इंतजार कांग्रेस के प्रत्याशियों की सूची का लोगों को देर रात तक इंतजार रहा। लोग ही नहीं कांग्रेस के कार्यकर्ता, पदाधिकारी व टिकट के दावेदार सुबह से ही सूची जारी होने की जानकारी में जुट गए। दोपहर में कार्यकर्ताओं को सूची जारी होने की पूरी उम्मीद थी, लेकिन समय बीतता रहा और सूची का इंतजार बढ़ता गया। शाम को कार्यकर्ता व लोग एक-दूसरे को मोबाइल कर सूची जारी होने के बारे में पता करते रहे, लेकिन देर रात तक पार्टी की ओर से सूची जारी नहीं की जा सकी।