फेसबुक के पोस्ट पर लाइक व कमेन्ट हजारों में papla gujjar बहरोड़ थाने पर हमला करने के बाद फेसबुक पर उनके नाम को सबसे अधिक सर्च किया गया है। जिसके जरिए पता चलता है कि इन बदमाशों के फेसबुक फ्रैड लिस्ट काफी लम्बी है। एक पोस्ट पर हजारों लाइक व कमेंट हैं। जिसे अपराधी के पोस्ट को बार-बार लाइक व कमेंट करने वाले बाद में उनसे मैसेंजर के जरिए मोबाइल नम्बर लेकर सम्पर्क साध लेते हैं। गैंग के गिरोह में शामिल होने की यही पहली सीढ़ी है। जिससे गैंगेस्टरों को भी नए साथी चुनने में आसानी होती है।
पुलिस कर रही पूरी छानबीन अलग-अगल गिरोह के बदमाशों के फेसबुक अकाउंट पर उनकी फ्रैंडलिस्ट सहित पोस्ट व कमेंट के आधार पर भी पुलिस छानबीन करने में लगी है। इनसे जुड़े सामान्य युवाओं पर बेवजह भी संकट आ सकता है। जो लगातार सोशल मीडिया पर इनके सम्पर्क हैं।
अभिभावक बच्चों के प्रति सतर्क रहे सोशल मीडिया पर सरे आम हथियारों के साथ पोस्ट, कमेंट और वीडियो अपलोड होते हैं। हर तरह के हथियारों को बदमाश खुलकर प्रदर्शित करते हैं। जिससे युवाओं को लगता है कि ये बड़ी पहुंच वाले हैं। इनका पुलिस भी कुछ नहीं कर पाती। इनके साथ जुडऩे से उनका भी कद बढ़ जाएगा। इस लालच में आकर सामान्य युवा उनसे खुद ही सम्पर्क साध लेते हैं। अभिभावकों को यह देखना होगा कि उनका बच्चा सोशल मीडिया का किस रूप में इस्तेमाल करता है। घर से बाहर अधिक सोशल मीडिया काम लेता है या घर के अन्दर। कभी पूरी पड़ताल भी करनी चाहिए। ऐसा मिले तो उसकी काउंसलिंग भी करा सकते हैं। ताकि भटकी राह से हट सके।
पोस्ट, कमेंट भी उत्तेजित करने वाले बदमाशों की फेसबुक प्रोफाइल देखने से ही लगता है अपराधी प्रवृति के हैं। प्रोफाइल में स्टडी की जगह लिख रहे ‘स्टडी ऑनली बदमाशी एट यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली’ । पोस्ट ऐसे ‘जितनी इनकी उम्र होई न उतने तो हमनै काण्ड कर राखे है’, हमारा नाम ही काफी है, हम आ गए तो तबाही मच जाएगी, गवाही की बात तो दूर, लोग नाम लेण तै भी डरे है। आजादी के 70 साल बाद भारत मैं पहली बार किसी ने पुलिस स्टेशन में एके 47 से फायर किया है। इस तरह के पोस्ट साथ में आधुनिक हथियार और लग्जरी गाडिय़ां हैं। जिनसे अपरिपक्कव युवक सम्पर्क में आकर झांसे में आते जाते हैं।