बाहर मजदूरी करने पर मिलते हैं चार सौ रुपए
सरकारी स्कूल में काम करने वाली कुक कम हेल्परों ने बताया कि वह अगर बाहर मजदूरी करने जाती हैं तो प्रतिदिन उन्हें चार सौ रुपए मिलते हंै। वहीं स्कूल में खाना पकाने के लिए उन्हें आधी मजदूरी तक नहीं दी जाती है। स्कूल में वह सुबह आती है और दोपहर में बच्चों को खाना खिलाने के बाद ही घर पर जाती हंै।
सरकारी स्कूल में काम करने वाली कुक कम हेल्परों ने बताया कि वह अगर बाहर मजदूरी करने जाती हैं तो प्रतिदिन उन्हें चार सौ रुपए मिलते हंै। वहीं स्कूल में खाना पकाने के लिए उन्हें आधी मजदूरी तक नहीं दी जाती है। स्कूल में वह सुबह आती है और दोपहर में बच्चों को खाना खिलाने के बाद ही घर पर जाती हंै।
वेतन बढ़ाने की ओर ध्यान नहीं
सरकारी स्कूलों में कुक कम हेल्परों का कार्य करने वाली मेवा देवी, बिमला देवी, प्रमिला देवी व ज्योति ने बताया कि वह सुबह सात बजे स्कूल में आती हैं। उसके बाद बच्चों के लिए दूध गर्म करना, उन्हें पिलाना, उसके बाद दोपहर में दिए जाने वाले खाने को बनाने में लग जाती है। जब बच्चों की रेस्ट होती है तो उन्हें खाना खिलाती है। राज्य सरकार ने मंत्री-विधायकों के वेतन भत्ते मन में आए तब बढ़ा दिए, लेकिन उनकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
सरकारी स्कूलों में कुक कम हेल्परों का कार्य करने वाली मेवा देवी, बिमला देवी, प्रमिला देवी व ज्योति ने बताया कि वह सुबह सात बजे स्कूल में आती हैं। उसके बाद बच्चों के लिए दूध गर्म करना, उन्हें पिलाना, उसके बाद दोपहर में दिए जाने वाले खाने को बनाने में लग जाती है। जब बच्चों की रेस्ट होती है तो उन्हें खाना खिलाती है। राज्य सरकार ने मंत्री-विधायकों के वेतन भत्ते मन में आए तब बढ़ा दिए, लेकिन उनकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।