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मंत्री-विधायकों का वेतन बढ़ाया, पोषाहार पकाने वाली को सिर्फ 44 रुपए प्रतिदिन

locationअलवरPublished: Aug 18, 2019 04:45:09 pm

Submitted by:

Pradeep

नहीं चल रहा घर खर्च

ministers salary increas but mid day mil helper paid only 44 Rs

मंत्री-विधायकों का वेतन बढ़ाया, पोषाहार पकाने वाली को सिर्फ 44 रुपए प्रतिदिन

अलवर (बहरोड़). राज्य सरकार की ओर से हाल ही में विधायकों व मंत्रियों के वेतन भत्तों में बढ़ोतरी की है, लेकिन वहीं दूसरी तरफ सरकारी स्कूलों में मिड डे मील के तहत खाना पकाने वाली कुक कम हेल्परों को राज्य सरकार द्वारा न्यूनतम मजदूरी तक नहीं दी जा रही है। हेल्परों को प्रतिदिन दी जाने वाली मजदूरी एक अकुशल श्रमिक को मिलने वाली मजदूरी का चौथा हिस्सा भी नहीं है। राज्य सरकार ने अकुशल श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी 225 रुपए तय कर रखी है जबकि कुक कम हेल्परों को प्रतिदिन 44 रुपए दिए जा रहे हंै। राज्य सरकार ने पिछले ही दिनों मंत्री व विधायकों के वेतन में बढ़ोतरी की थी। मंत्री विधायक जब चाहे विधानसभा में अपना वेतन बढ़ा लेते हैं, लेकिन कुक कम हेल्परों का मानदेय बढ़ाने का काम सिर्फ कागजों में ही खेला जाता है।
सरकारी स्कूलों में पोषाहार पकाने वाली महिलाओं ने बताया कि सरकार द्वारा उन्हें दी जाने वाली मजदूरी से घर चलाना भी मुश्किल हो रहा है। उन्हें मिलने वाली 44 रुपए मजदूरी से एक समय की सब्जी तक नहीं बन पाती है। ऐसे में वह घर पर ही कोई अन्य काम कर गुजारा कर रही है।
बाहर मजदूरी करने पर मिलते हैं चार सौ रुपए
सरकारी स्कूल में काम करने वाली कुक कम हेल्परों ने बताया कि वह अगर बाहर मजदूरी करने जाती हैं तो प्रतिदिन उन्हें चार सौ रुपए मिलते हंै। वहीं स्कूल में खाना पकाने के लिए उन्हें आधी मजदूरी तक नहीं दी जाती है। स्कूल में वह सुबह आती है और दोपहर में बच्चों को खाना खिलाने के बाद ही घर पर जाती हंै।
वेतन बढ़ाने की ओर ध्यान नहीं
सरकारी स्कूलों में कुक कम हेल्परों का कार्य करने वाली मेवा देवी, बिमला देवी, प्रमिला देवी व ज्योति ने बताया कि वह सुबह सात बजे स्कूल में आती हैं। उसके बाद बच्चों के लिए दूध गर्म करना, उन्हें पिलाना, उसके बाद दोपहर में दिए जाने वाले खाने को बनाने में लग जाती है। जब बच्चों की रेस्ट होती है तो उन्हें खाना खिलाती है। राज्य सरकार ने मंत्री-विधायकों के वेतन भत्ते मन में आए तब बढ़ा दिए, लेकिन उनकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
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