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Janmashtami 2019 : अलवर का बृज से रहा है गहरा नाता, उत्साह से मनाते हैं कृष्ण जनमोत्सव

locationअलवरPublished: Aug 24, 2019 04:33:46 pm

Submitted by:

Lubhavan

Janmashtami 2019 : अलवर में जनमाष्टमी पर्व धूमधाम से मनाया जाता है, मेवात का ब्रज से गहरा नाता है।

Janmashtami 2019 : Alwar Janmashtami Celebration Brij Janmashtami

Janmashtami 2019 : अलवर का बृज से रहा है गहरा नाता, उत्साह से मनाते हैं कृष्ण जनमोत्सव

अलवर. Janmashtami 2019 In Alwar : अलवर जिले का ब्रज से निकट का संबंध रहा है। इसलिए जितना उत्साह ब्रज भूमि में कृष्ण जन्मोत्सव का दिखाई देता है। उतना ही मेवात में दिखाई देता है। यही वजह है कि श्रीकृष्ण के विविध रूपों के मंदिर अलवर में भी बने हुए हैं। जिनमें प्रतिवर्ष जन्माष्टमी का आयोजन होता है।
अलीबक्स ने की थी कृष्ण की स्तुति

इतिहास के जानकार एडवोकेट हरिशंकर गोयल का कहना है कि अलीबक्स की कृष्णलीला के ख्याल और मंचन भुलाए नहीं भूलते हैं। मुण्डावर के अलीबक्स ने कृष्ण की स्तुति करके ही स्वयं को रंगमंच पर स्थापित किया था। किशनगढ़ और नाथद्वारा की चित्र और पट शैलिया भगवान कृष्ण और राधा को समर्पित है। अलवर और राजस्थान में कृष्णकाव्य के भक्ति और बृज संस्कृति के ग्रंथ सरकारी संग्रहालय, प्राच्य विद्या संस्थान में उपलब्ध है। कृष्ण भक्ति पर आधारित रासलीला यहां शहर से लेकर कस्बा और गांव तक पूरे साल होती है। कृष्ण के छैल छबीले स्वरूप को रसिया के द्वारा गाया जाता है। लोक भजनों में श्रीकृष्ण की महिमा सुनने को मिलती है।
जन्म तो जीव का होता है श्रीकृष्ण का तो प्राकटय हुआ है

स्कीम नम्बर दो निवासी लक्ष्मी गुप्ता भगवान श्रीकृष्ण का जन्म नहीं उनका प्राकटय हुआ है। जब जब धर्म का नाश होता है और पाजन्म तो जीव का होता है। भगवान जब भी हमारे हृदय में आते हैं तब वासना रूपी बेडियां स्वत: कट जाती है। मोह के पहरेदार निष्क्रिय हो जाते हैं कपट के कपाट खुल जाते हैं। भगवान कृष्ण के गुणों का अनुकरण करके व्यक्ति ऊर्जा, बुद्धि, शक्ति और आत्म विश्वास प्राप्त कर सकता है।
कान्हा की गैय्या खतरे में, नील गाय को बचाने की है जरुरत

शाकाहारी समिति के पूर्व मंत्री ओमप्रकाश गुप्ता का कहना है कि पूरे प्रदेश में इस बार भी कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व आस्था के साथ मनाया जाएगा। अपने आराध्य या प्रभु को कौन कैसे याद करता है, यह उनकी अपनी सोच, मनोवृत्ति और उन्हें आजादी है। फिलहाल कन्हैया जिस गैय्या से सबसे अधिक प्यार और दुलार करते थे, आज उसके जीवन पर सबसे अधिक खतरा मंडरा रहा है।

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