जिले का सबसे बड़ा जयसमंद बांध पिछले करीब एक दशक से सूखा है। कभी-कभार बारिश में थोड़ा बहुत पानी आया है। तीन साल पहले एक बार जरूर यह बांध भरा लेकिन, सालों से सूखा होने के कारण एक महीने में ही सूख भी गया था। उसके बाद बारिश पर्याप्त नहीं हो सकी। जिसके 4 हजार 790 हैक्टेयर में फैला यह बांध बंजर हो गया है। अब यह पूरी तरह रीता पड़ा है।
15 दिन में मंत्रालय को देंगे रिपोर्ट जयसमंद बांध की रिपोर्ट बनाने में बाल विकास शिक्षा समिति, सुगम संस्थान, विकास शिक्षा समिति शाहबाद और युवा अंजुमन सोसायटी अलवर कार्य कर रही हैं। जो अपनी रिपोर्ट 15 दिनों में केन्द्रीय जल मंत्रालय को देंगे। उसके बाद सरकार अपने आधार पर जयसमंद की सुध लेगी।
उसके बाद जरूरत पड़ी तो पानी भी यह कार्य होने के बाद जरूरत पड़ी तो बांध तक चम्बल नदी का पानी भी लाने की योजना बन सकती है। बारिश होती रही तो फिर से जयसमंद बांध वापस अलवर के लोगों की जीवन रेखा बन जाएगा।
पहले ये कार्य होंगे गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियो के अनुसार जयसमंद बांध में दो तरह से पानी आता है। एक रूपारेल नदी से दूसरा सिलीसेढ़ बांध की ऊपरा से। रूपारेल नदी का पानी कच्चे रास्ते से पहुंचता है। जिसमें बीच-बीच में बाधाएं हैं। इस मार्ग को पक्का कराया जाएगा। बांध के अन्दर से करीब छह से आठ फीट शिल्ट निकाली जाएगी। जिससे भराव क्षमता बढ़ेगी। बांध की पाल के लीकेज खत्म किए जाएंगे। सिलीसेढ़ बांध से आने वाले पानी के रास्तों से अतिक्रमण हटाया जाएगा। खेतों के डोलों को समतल करने के अलावा फॉर्महाउस व होटलों का अतिक्रमण भी हटेगा। अवैध बोरिंग भी बंद होंगे।
सबसे अधिक आकर्षित करने वाला बांध बांध की पाल पर करीब 30 मीटर चौड़ी रोड है। जो बांध पर बने महलनुमा रेस्टहाउस तक जाती है। इस पूरे रोड पर बड़ी छतरियां बनी हैं। ये छतरियां भी पुरानी कलाकृति को संजोए हुए हैं। पानी भरने के बाद इस बांध जैसा आकर्षण कहीं दूसरी जगह देखने को नहीं मिलता है। जिसका आकर्षण पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है। लेकिन, बांध में सालों से पानी नहीं होने के कारण यहां की पूरी रौनक उजड़ चुकी है।
अभी प्रारंभिक रिपोर्ट तैयाार कर रहे हैं। जिसके लिए सिंचाई विभाग के अधिकारियों की मदद ली जा रही है। संभवतया आगामी 15 दिन में केन्द्र सरकार के जल मंत्रालय को रिपोर्ट भेज देंगे। सुधीर माथुर, सेवानिवृत कर्मचारी
सरकार पर निर्भर कुछ गैर सरकारी संगठन जयसमंद बांध तक पानी लाने के लिए आवश्यक कार्यों की रिपोर्ट बनाने में लगे हैं। जो केन्द्र सरकार के जल मंत्रालय को देंगे। हमसे जो जानकारी ले रहे हैं उनको उपलब्ध करा दी है।
राजेश वर्मा, एक्सईएन, सिंचाई विभाग
राजेश वर्मा, एक्सईएन, सिंचाई विभाग