scriptराजस्थान में काम कर रहा मोबाइल चोरी का अंतरराष्ट्रीय गिरोह, मोबाइल चोरी कर इस देश में बेच रहे | International Mobile Theft Gang Active In Rajasthan | Patrika News

राजस्थान में काम कर रहा मोबाइल चोरी का अंतरराष्ट्रीय गिरोह, मोबाइल चोरी कर इस देश में बेच रहे

locationअलवरPublished: Feb 18, 2019 09:10:18 am

Submitted by:

Hiren Joshi

प्रदेश समेत देश के अन्य क्षेत्रों में मोबाइल चोरी का अंतरराष्ट्रीय गैंग सक्रिय है।

International Mobile Theft Gang Active In Rajasthan

राजस्थान में काम कर रहा मोबाइल चोरी का अंतरराष्ट्रीय गिरोह, मोबाइल चोरी कर इस देश में बेच रहे

अलवर. पुलिस कंट्रोल रूम के सामने मोबाइल शोरूम में चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले शातिर मोबाइल चोरों के तार विदेशों से भी जुड़े हैं। गिरोह के सदस्य अलवर व दौसा समेत राजस्थान, दिल्ली, पंश्चिम बंगाल, झारखण्ड, उज्जेन, रतलाम, बडोदरा, कानपुर आदि कई क्षेत्रों में मोबाइल चोरी की वारदात कर चुके हैं। यह गिरोह नेपाल बॉर्डर के आसपास क्षेत्र का है और उनके द्वारा चोरी किए मोबाइल नेपाल में बेचे जा रहे हैं। अलवर और दौसा पुलिस चोरों की धरपकड़ के प्रयास में जुटी है। अलवर पुलिस के हाथ गिरोह की गर्दन तक पहुंच चुके हैं। पुलिस किसी भी वक्त गिरोह को गिरफ्तार कर वारदात का खुलासा कर सकती है।
यूं देते हैं चोरी की वारदात को अंजाम

घोड़ासन गैंग के सदस्य पहले बड़े शहर व कस्बों में रेलवे स्टेशन के आसपास बड़े मोबाइल शोरूमों की रैकी करते हैं। फिर गिरोह के 8 से 10 सदस्य ट्रेन से देर रात या फिर तडक़े वहां पहुंचते हैं। पहले दो से तीन के ग्रुप में चिह्नित वारदात स्थल के आसपास घूमते हैं। पुलिस की गश्त खत्म होते ही शोरूम की शटर के आगे चादर लगाकर शटर को तोड़ते हैं और अपने एक सदस्य को शोरूम के अंदर घुसा देते हैं। इसके बाद चादर समेटकर बाकी सदस्य इधर-उधर घूमने लग जाते हैं। शोरूम से मोबाइल समेटने के बाद अंदर वाला शख्स शटर बजाता है। फिर गिरोह के अन्य लोग वापस शटर के आगे चादर लगाकर उसे बाहर निकाल लेते हैं। इसके बाद वापस पैदल या अन्य साधन से रेलवे स्टेशन पहुंचते हैं और ट्रेन में बैठकर रवाना हो जाते हैं।
मोबाइल समेटने वाला होता है ‘प्लेयर’

अंतरराष्ट्रीय मोबाइल चोर गिरोह ने वारदात में शामिल होने वाले हर व्यक्ति का उसके काम के हिसाब से नाम रखा हुआ है। शटर तोडऩे के बाद शोरूम या दुकान के अंदर जाकर मोबाइल समेटने वाले सदस्य को ‘प्लेयर’ के नाम से बुलाते हैं। गिरोह का प्लेयर शोरूम के अंदर से महंगे मोबाइल को डिब्बे से बाहर निकालकर बैग में भरता है।
नेपाल से नहीं हो पाती मोबाइल की बरामदगी

गिरोह के सदस्यों की नेपाल में पूरी सैटिंग है। भारत से चोरी मोबाइलों को एजेंट के माध्यम से नेपाल में दुकानों पर बेच देते हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक भारत के मोबाइल का नेपाल में आईएमईआई नम्बर भी ट्रेस नहीं हो पाता है। पुलिस चोरों को पकड़ भी लेती है तो उनसे मोबाइल की बरामदगी संभावना ना के बराबर होती है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो