काला कुआं वेंकटेश बालाजी धाम में भी भगवान की दिनचर्या बदल गई है। स्वामी सुदर्शनाचार्य ने बताया कि कूलर और एसी लगाने के साथ ही शाम को आरती के बाद ककड़ी, खीरा, संतरा और खरबूजे का भोग लगाया जाता है। तरबूज में रंग दोष होने के कारण भगवान को भोग नहीं लगाया जाता। ठंडाई में काजू, बादाम व काली मिर्च पीसकर डाली जाती है।
हल्के रंग के वस्त्रों का उपयोग
मनुमार्ग लक्ष्मी नारायण मंदिर के महंत राजेंद्र शर्मा ने बताया कि वैशाख मास में तेज गर्मी पड़ती हैं। ऐसे में गहरे रंग के बजाय भगवान को हल्के रंग के वस्त्र पहनाए जा रहे हैं। गर्मी से राहत के लिए भोग में शर्बत व ठंडाई का भोग लगाया जाता है। कभी कभी कतीरा में मिश्री मिलाकर भोग में दिया जाता है।
थानागाजी ञ्च पत्रिका. ब्लॉक क्षेत्र के गांव डेरा में बगीची वाले हनुमान मंदिर परिसर में शुक्रवार को मेला व कुश्ती दंगल का आयोजन किया गया। अलसुबह 4 बजे से ही ग्राम डेरा के श्रद्धालुओं ने मन्दिर परिसर तक दंडौती लगाई। मेले के मौके पर सुबह सवा 7 बजे हनुमान प्रतिमा के ङ्क्षसदूर चौला चढ़ा, फूलों व रंगीन लाइटों से सजावट कर अलौकिक झांकी सजाई गई। दोपहर 12 बजे हवन व विशेष पूजा अर्चना के बाद भोग लगा ध्वज चढ़ा मेले का शुभारंभ किया गया। घर घर बने पकवानों से बाबा को भोग लगाया गया। लोगों ने मेले में खूब खरीदारी की। वहीं शाम करीब 4 बजे से कुश्ती दंगल हुआ जिसमें पुरुष पहलवानों के साथ महिला पहलवानों ने भी दावपेच दिखाए। लोगों ने कुश्ती दंगल का खूब आनंद उठाया। कुश्ती का अंतिम 51000 रुपए का कामड़ा चिकानी के हनुमान पहलवान ने जीता।