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भगवान का गर्मी से बचाव, एसी की हवा और शीतल व्यंजनों का भोग

ठाकुरजी को गर्मी से बचाने का जतन शुरू हो गया है। दिन और रात के वक्त एसी-कूलर चलाकर प्रभु को शीतल हवा दी जा रही है। साथ ही सत्तू, लस्सी सहित विभिन्न प्रकार के शीतल व्यंजनों का भोग लगाया जा रहा है। ठाकुरजी के पहनावे में भी बदलाव आया है, अब उन्हें सूती कपड़े पहनाए जा रहे हैं।

अलवरApr 27, 2024 / 02:07 am

Pradeep

ठाकुरजी को गर्मी से बचाने का जतन शुरू हो गया है। दिन और रात के वक्त एसी-कूलर चलाकर प्रभु को शीतल हवा दी जा रही है।

मनुहार: जल्दी उठकर देर से शयन कर रहे हैं ठाकुरजी, पहनावे मेंं भी किया बदलाव
अलवर. ठाकुरजी को गर्मी से बचाने का जतन शुरू हो गया है। दिन और रात के वक्त एसी-कूलर चलाकर प्रभु को शीतल हवा दी जा रही है। साथ ही सत्तू, लस्सी सहित विभिन्न प्रकार के शीतल व्यंजनों का भोग लगाया जा रहा है। ठाकुरजी के पहनावे में भी बदलाव आया है, अब उन्हें सूती कपड़े पहनाए जा रहे हैं।
पुराना कटला जगन्नाथ मंदिर के महंत देवेंद्र शर्मा ने बताया कि सर्दियों में ठाकुरजी को नाश्ते में गर्म दूध दिया जाता है, लेकिन गर्मी की दस्तक के साथ ही ठंडा दूध, लस्सी, ठंडाई, सत्तू का भोग कलेवा में दिया जा रहा है। गर्भगृह को एसी से ठंडा रखा जा रहा है। दोपहर में हल्का भोजन व सलाद दिया जाता है। शाम को आरती के बाद रबड़ी, बर्फ का भोग लगाया जा रहा है। त्रिपोलिया मंदिर के महंत जितेंद्र खेडापति ने बताया कि भगवान को गर्मी ना लगे, इसलिए इत्र लगाया जा रहा है। मौसमी फूलों का श्रृंगार किया जा रहा है। अभिषेक के बाद सूती वस्त्र पहनाए जा रहे हैं।
आरती का समय बदला: रेलवे स्टेशन के समीप सार्वजनिक गोशाला में गोङ्क्षवद गोमाता धाम मंदिर में भी गर्मी के चलते आरती के समय में बदलाव किया है। मंदिर संचालक अजय अग्रवाल ने बताया कि गर्मी में मंदिर के पट जल्दी खुल जाते हैं और देर तक बंद किए जाते हैं। भगवान को खीर का भोग नियमित लगता है।
भगवान की दिनचर्या बदली
काला कुआं वेंकटेश बालाजी धाम में भी भगवान की दिनचर्या बदल गई है। स्वामी सुदर्शनाचार्य ने बताया कि कूलर और एसी लगाने के साथ ही शाम को आरती के बाद ककड़ी, खीरा, संतरा और खरबूजे का भोग लगाया जाता है। तरबूज में रंग दोष होने के कारण भगवान को भोग नहीं लगाया जाता। ठंडाई में काजू, बादाम व काली मिर्च पीसकर डाली जाती है।
हल्के रंग के वस्त्रों का उपयोग
मनुमार्ग लक्ष्मी नारायण मंदिर के महंत राजेंद्र शर्मा ने बताया कि वैशाख मास में तेज गर्मी पड़ती हैं। ऐसे में गहरे रंग के बजाय भगवान को हल्के रंग के वस्त्र पहनाए जा रहे हैं। गर्मी से राहत के लिए भोग में शर्बत व ठंडाई का भोग लगाया जाता है। कभी कभी कतीरा में मिश्री मिलाकर भोग में दिया जाता है।
डेरा बगीची वाले हनुमानजी का भरा मेला…दंगल में पहलवानों ने आजमाए दावपेच
थानागाजी ञ्च पत्रिका. ब्लॉक क्षेत्र के गांव डेरा में बगीची वाले हनुमान मंदिर परिसर में शुक्रवार को मेला व कुश्ती दंगल का आयोजन किया गया। अलसुबह 4 बजे से ही ग्राम डेरा के श्रद्धालुओं ने मन्दिर परिसर तक दंडौती लगाई। मेले के मौके पर सुबह सवा 7 बजे हनुमान प्रतिमा के ङ्क्षसदूर चौला चढ़ा, फूलों व रंगीन लाइटों से सजावट कर अलौकिक झांकी सजाई गई। दोपहर 12 बजे हवन व विशेष पूजा अर्चना के बाद भोग लगा ध्वज चढ़ा मेले का शुभारंभ किया गया। घर घर बने पकवानों से बाबा को भोग लगाया गया। लोगों ने मेले में खूब खरीदारी की। वहीं शाम करीब 4 बजे से कुश्ती दंगल हुआ जिसमें पुरुष पहलवानों के साथ महिला पहलवानों ने भी दावपेच दिखाए। लोगों ने कुश्ती दंगल का खूब आनंद उठाया। कुश्ती का अंतिम 51000 रुपए का कामड़ा चिकानी के हनुमान पहलवान ने जीता।

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