वारदात के पीछे बिहार की घोड़ासन गैंग जानकारी के अनुसार राजस्थान सहित अन्य राज्यों में पूर्व में मोबाइल चोरी की ऐसी ही वारदात हो चुकी हैं। इनमें चोर बिहार के घोड़ासन गैंग के निकले। दिसम्बर 2017 में कोटा पुलिस ने घोड़ासन गैंग के आठ सदस्यों को गिरफ्तार कर काफी मोबाइल बरामद किए थे। गिरोह के सदस्यों ने 6 राज्यों में 13 मोबाइल शोरूम चोरी की वारदात कबूली थी। इन वारदातों में चोरों ने 759 मोबाइल चोरी किए थे। हाल ही अलवर और दौसा में हुई मोबाइल शोरूमों में चोरी की वारदात का तरीका भी इन वारदातों से मिलता-जुलता है। जब पुलिस ने पहलुओं पर गहनता से पड़ताल की तो अलवर व दौसा की वारदात के तार भी घोड़ासन गैंग से जुड़ गए।
अलवर और दौसा में एक जैसी वारदातें 13 फरवरी की तडक़े अलवर पुलिस कंट्रोल रूम के सामने स्थित एक मोबाइल शोरूम का शटर तोडकऱ चोर लाखों रुपए के मोबाइल चोरी कर ले गए। अगले ही दिन 14 फरवरी की तडक़े चोरों ने दौसा कोतवाली थाना क्षेत्र में मोबाइल शोरूम में ऐसी ही वारदात को अंजाम दिया। दोनों वारदातें एक जैसी ही हैं। चोरों का वारदात करने का तरीका एक ही है तथा दोनों में चोरों की संख्या भी 9 है।
घोड़ासन गैंग ने की वारदात अलवर और दौसा कोतवाली थाना क्षेत्र में मोबाइल शोरूम में चोरी की वारदातें एक जैसी हैं। इन दोनों वारदातों को बिहार के घोड़ासन गैंग ने किया है। यह अंतरराष्ट्रीय मोबाइल चोरी गिरोह हैं। जो यहां से मोबाइल चोरी कर नेपाल में बेचता है। पूर्व में भी गिरोह ने काफी वारदातें की हुई हैं। पुलिस की टीमें बदमाशों की गिरफ्तारी के प्रयासों में जुटी हुई है।
– डॉ. प्रियंका रघुवंशी, पुलिस उपाधीक्षक (उत्तर), अलवर।
अलवर और दौसा कोतवाली थाना क्षेत्र में मोबाइल शोरूम में चोरी बिहार की घोड़ासन गैंग ने की है। यह अंतरराष्ट्रीय मोबाइल चोर गिरोह है जो यहां से मोबाइल चोरी कर नेपाल में बेच देता है। इस गिरोह में घोड़ासन गांव के सौ से भी ज्यादा लोग शामिल हंै।
– गणपतराम चौधरी, कोतवाल, दौसा।