यह था प्रकरण बाघिन एसटी-5 के सरिस्का में अंतिम बार पगमार्क गत 24 फरवरी को मिले थे, वहीं बाघिन की अंतिम लोकेशन गत 7 फरवरी को मिली थी। बाद में सरिस्का प्रशासन ने करीब छह महीने तक बाघिन की तलाश की, लेकिन वह नहीं मिली। बाघिन की तलाश के लिए सरिस्का में 500 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए, जिन पर कई लाख रुपयों का खर्च हुआ। बाघिन की तलाश में 100 से ज्यादा वनकर्मियों को भी लगाया गया।
पिछले दिनों अचानक हुआ शिकार का खुलासा बाघिन के शिकार का खुलासा पिछले दिनों अचानक ही हुआ। सरिस्का प्रशासन ने सांभर व नीलगाय के शिकार के आरोप में भडोली निवासी सरफुद्दीन को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान सरफुद्दीन ने अकबरपुर रेंज में बाघिन एसटी-5 का गोली मारकर शिकार करने की घटना कबूली। शिकार मामले में चार अन्य लोग भी शामिल थे। बाद में नगर तहसील के रइश को भी बाघिन के दांत की बरामदगी के लिए गिरफ्तार किया गया था।
छोटे कर्मचारियों पर गिरी गाज, बड़े अधिकारी बच रहे साफ बाघिन एसटी-५ के गायब व शिकार होने के मामले में सरिस्का प्रशासन ने सहायक वनपाल, बीट गार्ड व मॉनिटरिंग में लगे कर्मचारी के खिलाफ निलम्बन की कार्रवाई की, लेकिन बाघिन के गायब होने और बाद में शिकार मामले में अब तक सरिस्का के तत्कालीन किसी बड़े अधिकारी पर आंच तक नहीं आई है। इससे पूर्व भी बाघ एसटी-11 के फंदे में फंसकर शिकार की घटना में किसी भी बड़े अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। उस प्रकरण में पांच कर्मचारियों को बाघ की मॉनिटरिंग का दोषी मान केवल नोटिस जारी किए गए थे।
बाघिन के शिकार मामले की जांच जारी बाघिन के शिकार मामले की जांच अभी जारी है। मामले में गिरफ्तारी से वंचित रहे शिकारियों को गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं वाइल्ड लाइफ क्राइम ब्यूरो से भी सहयोग लिया जा रहा है।