गौरतलब है कि राजस्थान भूकंप और बाढ़ जैसी आपदाओं के साए में रहता आया है। यहां मुख्य रूप से भूकंप की दृष्टि से तीन संवेदनशील क्षेत्र हैं। कन्नोई फाल्ट, गे्रट बाउंडरी फाल्ट और जयपुर डिप्रेशन प्रमुख हैं। इसके अलावा कई अन्य प्रमुख फाल्ट हैं।
आपदा प्रबंधन है जरूरी, राजस्थान अपेक्षाकृत सुरक्षित भूगर्भ विज्ञानी प्रो. एम. के. पंडित का कहना है कि भूकंप जैसी आपदा के लिए प्रबंधन बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से लेकर गुजरात तक अरावाली पर्र्वतमाला का क्षेत्र करोड़ों वर्ष पहले भूगर्भीय घटनाओं, खासकर भूकंप का सर्वाधिक संवेदनशील क्षेत्र रहा है। अब यह स्थिति हिमालय क्षेत्र में है। इसके बावजूद हिमालयन फाल्ट और अरावली के फाल्ट का जोड़ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दिल्ली-मेरठ तक आता है। यह आगे हरिद्वार तक है। प्रो. पंडित का कहना है कि राजस्थान में इस फाल्ट की बजाय कनोई फॉल्ट का खतरा अधिक है। उन्होंने बताया कि देश भूकंप की दृष्टि से चार जोन में विभाजित किया गया है। इनमें राजस्थान के अधिकांश क्षेत्र जोन 2 में आते हैं जो सबसे कम खतरे वाला क्षेत्र है।