अलवर जिले में एक जनवरी 2018 से अब तक डेंगू के 390 मरीज सामने आ चुके हैं। इसमें चौंकाने वाली बात यह है कि पिछले दस दिनों में करीब 80 डेंगू रोगियों की पुष्टि हुई है। शहर में डेंगू का सबसे ज्यादा प्रकोप बना हुआ है। शहर में अब तक 57 लोगों में डेंगू रोग की पुष्टि हो चुकी है। भयावह होते हालातों को देख चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के हाथ-पांव फूले हुए हैं। उच्चाधिकारियों ने मेडिकल स्टाफ को फील्ड में दौड़ा दिया है। जहां-जहां डेंगू के मरीज मिल रहे हैं वहां एंटी लार्वा एक्टीविटी कराई जा रही है। बुखार के मरीजों को चिह्नित कर उनकी जांच कराई जा रही है। कूलर, टंकी और पंरिडों को खाली कराया जा रहा है तथा भरे पानी में एमएलओ डलवाया जा रहा है। इसके साथ ही चिकित्सा अधिकारियों के नेतृत्व में प्रत्येक ब्लॉक में क्रॉस वैरिफिकेशन सर्वे किया जा रहा है।
फोगिंग के नाम पर खानापूर्ति जिले में फोगिंग के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य और नगर परिषद की ओर से पर्याप्त तरीके से फोगिंग नहीं कराई जा रही है। यही वजह है कि बरसाती मौसम खत्म होने के दो-तीन माह बाद भी मच्छरों का प्रकोप कम नहीं हो रहा है और मच्छर जनित बीमारियों के मरीज लगातार सामने आ रहे हैं।
बुखार के 600 से 700 मरीज आ रहे रोजाना मौसमी बीमारियों के हालात काबू नहीं आ पा रहे हैं। जिलेभर में रोजाना 600 से 700 बुखार के मरीज आ रहे हैं। जिले के सामान्य अस्पताल की बात करें तो यहां रोजाना ओपीडी में 2700 से 2800 मरीज आ रहे हैं। इसमें से 200 से 250 मरीज बुखार के होते हैं। इसके अलावा खांसी-जुकाम के मरीज भी आ रहे हैं।