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आठ माह में भी नहीं बदला जला ट्रांसफॉर्मर, रीको क्षेत्र में हो सकता है आपूर्ति का संकट

पावर ट्रांसफॉर्मर की क्षमता कम, कटौती व खराबी रोकने को समय पर इंतजाम जरूरी

अलवरMar 13, 2024 / 12:18 am

Raj Singh

आठ माह में भी नहीं बदला जला ट्रांसफॉर्मर, रीको क्षेत्र में हो सकता है आपूर्ति का संकट

आठ माह में भी नहीं बदला जला ट्रांसफॉर्मर, रीको क्षेत्र में हो सकता है आपूर्ति का संकट

भिवाड़ी. औद्योगिक क्षेत्र बिलाहेड़ी स्थित 220 केवी जीएसएस पर लंबे समय से अतिरिक्त भार है। पिछले साल जुलाई में फुंका ट्रांसफॉर्मर आज तक भी नहीं बदला गया है। तभी से यहां पर स्वीकृत भार पर काम नहीं हो रहा है। गर्मी की दस्तक के साथ ही उद्योग क्षेत्र में विद्युत भार बढऩे लगा है। इसके चलते औद्योगिक क्षेत्र में बिजली आपूर्ति का संकट खड़ा हो सकता है।

ओवरलोड चल रहे प्रसारण निगम के बिजली तंत्र को मजबूत करने के लिए 100 एमवीए का नया ट्रांसफॉर्मर लगना है। इसका प्रस्ताव पिछले वर्ष अक्टूबर में भेजा था। नए ट्रांसफॉर्मर के लगने से भार क्षमता में 40 एमवीए की बढ़ोत्तरी होगी। इससे विद्युत भार को विभाजित होने की समस्या खत्म होगी। चौपानकी और बाबा मोहनराम 132 केवी जीएसएस को बिलाहेड़ी जीएसएस से बिजली आपूर्ति की जा सकेगी। औद्योगिक क्षेत्र की सैकड़ों इकाइयों को इसका लाभ मिलेगा।

विद्युत भार बढऩे पर कटौती नहीं करनी पड़ेगी। इसके साथ ही खुशखेड़ा 220 केवी जीएसएस पर वर्तमान में 20/25 एमवीए का ट्रांसफॉर्मर लगा हुआ है। विद्युत भार को देखते हुए वर्तमान में स्थापित पावर ट्रांसफॉर्मर की जगह 40/50 एमवीए का पावर ट्रांसफॉर्मर लगाने। इसी तरह कारोली 132 में स्थापित 20/25 की जगह 40/50 एमवीए का ट्रांसफॉर्मर लगाने की कार्ययोजना भी लंबित है।

कंपनियों को नहीं
मिल रही पूरी बिजली
अभी तक क्षेत्र में बिजली तंत्र ओवरलोड चल रहा है। इकाइयों को पूरा बिजली भार नहीं मिल पा रहा है। कई बार तकनीकि रूप से ङ्क्षट्रङ्क्षपग और फॉल्ट आते हैं। कई बार अधिक भार से सिस्टम को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए ट्रिङ्क्षपग करनी पड़ती है। निगम के अधीक्षण अभियंता नवंबर में प्रसारण निगम के अभियंताओं को इस संबंध में पत्र कर जीएसएस की क्षमता को बढ़ाने की मांग की थी।

खराबी से होने वाला नुकसान बचेगा
खराबी और फॉल्ट सतत उत्पादन वाली इकाइयों के लिए नुकसान करते हैं। एक बार बिजली का कट लगने पर उत्पादन पूरी तरह प्रभावित हो जाता है। भट्टियों में माल जम जाता है। इसके साथ ही अन्य प्लांट में भी मजदूर हाथ पर हाथ रखकर बिजली आने-जाने का इंतजार करते रहते हैं। जबकि निगम की बिजली खपत कम होने से राजस्व का नुकसान होता है।
इनका कहना है
नए ट्रांसफॉर्मर लगाने संबंधी स्वीकृति के लिए प्रस्ताव जयपुर गया हुआ है। जल्दी ही अनुमति आने की संभावना है।
पूरनमल, एक्सईएन, प्रसारण निगम

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