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खुले में डाल रहे बायो मेडिकल वेस्ट

locationअलवरPublished: Mar 06, 2018 11:31:25 pm

Submitted by:

Prem Pathak

लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए घातक

Bio-Medical Waste Putting in Open
कस्बे में दवा दुकानदार और प्राइवेट क्लिनिक संचालक खुले में बायो मेडिकल वेस्ट डाल रहे हैं। जो लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए घातक है।
कस्बे के कई निजी अस्पताल, सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों के आवास के पास व उन दवा दुकानों जहां पर अवैध रूप से मरीजों का उपचार किया जाता है। उनके आसपास पड़ा कचरा, जिसमें उपयोग की गई सूइयां, ग्लूकोज की बोतलें, एक्सपाइरी दवाएं, दवाइयों के रैपर के साथ-साथ कई अन्य सड़ी गली वस्तुएं पड़ी रहती हैं। इसके निस्तारण की कोई उचित व्यवस्था नहीं है।
बायोमेडिकल निस्तारण के नियम
बायो मेडिकल वेस्ट का सही ढंग से निस्तारण करने के लिए कानून तो बने हैं, लेकिन उनका पालन ठीक से नहीं होता है। इसके लिए केंद्र सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए बायो मेडिकल वेस्ट (प्रबंधन व संचालन) नियम,1998 बनाया है। बायोमेडिकल वेस्ट अधिनियम 1998 के अनुसार निजी व सरकारी अस्पतालों को इस तरह के चिकित्सीय जैविक कचरे को खुले में या सडक़ों पर नहीं फेंकना चाहिए। ना ही इस कचरे को म्यूनीसिपल कचरे में मिलाना चाहिए। साथ ही स्थानीय कूड़ाघरों में भी नहीं डालना चाहिए। क्योंकि इस कचरे में फेंकी जानी वाली सेलाइन बोतलें और सीरिंज कबाडिय़ों के हाथों से होती हुई अवैध पैकिंग का काम करने वाले लोगों तक पहुंच जाती हैं। जहां इन्हें साफ कर नई पैकिंग में बाजार में बेच दिया जाता है। कूड़ा निस्तारण के उपाय नहीं करने पर पांच साल की सजा और एक लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान है।
करते है पालना
अस्पताल में रोजाना जमा होने वाले कचरे को तीन तरह के कचरा पात्र मे एकत्र कर रखा जाता है। जिसे अलवर से गाड़ी आकर ले जाती है और उसको नष्ट किया जाता है। दवा दुकानदार या अन्य लोग डालते है तो उनकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग को करें, जिससे कि उनके खिलाफ कार्रवाई हो सके।
डॉ.सुरेश यादव, प्रभारी, राजकीय रेफरल चिकित्सालय बहरोड़।

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