scriptअलवर में आर्सेनिक का भंडार, तीन दशक से दोहन का इंतजार | Arsenic stores in Alwar, awaiting tapping for three decades | Patrika News

अलवर में आर्सेनिक का भंडार, तीन दशक से दोहन का इंतजार

locationअलवरPublished: Mar 18, 2018 12:01:22 pm

Submitted by:

Prem Pathak

सोना एवं चांदी की भी कम मात्रा में उपलब्ध पर दोहन महंगा

Arsenic stores in Alwar, awaiting tapping for three decades

अलवर जिले में आर्सेनिक के भंडार हैं, लेकिन इस दुर्लभ रासायनिक तत्व के दोहन को तीन दशक से भी ज्यादा समय से इंतजार है। भू-वैज्ञानिकों के सर्वे में भूगोर पहाड़ पर 50 ये 1000 पीपीएम मात्रा में आर्सेनिक की उपलब्धता पाई गई है।
अरावली पवर्तमाला से घिरे अलवर जिले में बहुमूल्य धातु व दुलर्भ रासायनिक तत्वों की भरमार है, इनमें सोना, चांदी, कॉपर, आर्सेनिक सहित अन्य बहुमूल्य धातु एवं रासायनिक तत्व शामिल हैं। बहुमूल्य धातु एवं रासायनिक तत्वों की प्रचुरता के बावजूद इनका दोहन नहीं हो पाया है।
भूगोर पहाड़ में आर्सेनिक की उपलब्धता अच्छी

भू-वैज्ञानिकों की ओर से वर्ष 1980 से 85 के बीच भूगोर पहाड़ पर किए सर्वे में आर्सेनिक की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में मिली। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक यहां आर्सेनिक 50 पीपीएम से 1000 पीपीएम मात्रा में उपलब्ध है। इतना ही नहीं सर्वे रिपोर्ट में यहां आर्सेनिक के दोहन को उपयोगी माना गया है। इसके बावजूद तीन दशक बाद भी सरकार जिले में आर्सेनिक का दोहन नहीं करा पाई है। भू-वैज्ञानिकों के अनुसार आर्सेनिक देश में कम मात्रा में मिलता है। हालांकि आर्सेनिक को स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद खतरनाक माना गया है, लेकिन अन्य रासायनिक कार्यों में यह बड़ा उपयोगी बताया गया है।
2.25 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में किया गया सर्वे

अलवर जिले के भूगोर पहाड़ में जून 1980 से मई 1985 तक 2.25 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में सर्वे कर बेस मेटल की तलाश की गई। इसमें 100 किलोमीटर क्षेत्र में रीजनल मिनरल सर्वे, 43 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में रीजनल जियोलॉजिकल मैपिंग, 1.5 किलोमीटर क्षेत्र में डिटेल जियोलॉजिकल मैपिंग तथा 0.7 किलोमीटर में टोपोग्राफिकल सर्वे किया गया। वहीं 413 मीटर में ड्रिलिंग कर 350 जियोलॉजिकल,112 स्पॉट व 65 कोर सेम्पल लिए गए। हालांकि सर्वे में बेस मेटल के संकेत नहीं मिले, सोना, चांदी व आर्सेनिक की उपलब्धता जरूर पाई गई। सर्वे में भू-वैज्ञानिक रविन्द्रपाल, एसके स्वामी, एपी भटनागर, एके त्रिवेदी शािमल थे।
सोना, चांदी की भी उपलब्धता

भूगोर में कराए गए सर्वे के दौरान अलवर जिले में सोना व चांदी की उपलब्धता भी पाई गई, लेकिन इसकी मात्रा कम और बिखरी होने के कारण रिपोर्ट में इसका दोहन महंगा माना गया है। सर्वे के दौरान 0.10 पीपीएम से 0.70 पीपीएम मात्रा में सोने की मात्रा मिली, वहीं 0.10 पीपीएम से 2.1 पीपीएम चांदी पाई गई। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक अलवर जिले में सोने की उपलब्धता फैलाव लिए हुए हैं, इस कारण इसका दोहन महंगा माना गया।
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